नये वर्षारंभ का संकल्प

 नये वर्षारंभ में ....🚩🕉

" अखंड हिंदुराष्ट्र " निर्माण का संकल्प करते है।

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विक्रमादित्य राजा ने अखंड भारत का निर्माण किया था।इसिलए हम नववर्षारंभ भी विक्रमादित्य राजा के नाम से ही...हम सभी भारतीय....


" विक्रम संवत "


चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से

मनाते है।

हम सभी भारतीयों के लिए यह अत्यंत हर्ष का विषय है।


भयंकर प्रतिकूल परिस्थितियों पर विजय हासिल करके राजा विक्रमादित्य ने ...


" संस्कृति संपन्न अखंड भारतराष्ट्र तथा हिंदुराष्ट्र "


का निर्माण किया था।


आज चैत्र प्रतिपदा, नववर्षारंभ को हम फिरसे यह संकल्प करते है की...


" सभी विपदा, आपदाओं पर विजय प्राप्त करके...

एक संस्कृति संपन्न हिंदुराष्ट्र तथा एक शक्तिशाली अखंड भारत का निर्माण ...


" हम करके ही रहेंगे। "


राजा विक्रमादित्य की तरह नया युग तथा नवराष्ट्र निर्माण का कार्य प्रत्यक्ष लाने के लिए आज हम वचनबद्ध तथा कटिबद्ध होते है। "


संकल्प में बहुत शक्ति होती है।और संकल्प ही हमें सिध्दीयों तक पहुंचा देता है।


सोने की चिडिय़ा वाला हिंदुराष्ट्र निर्माण करने के लिए...


जहाँ कोई दिन न हो,दुखी न हो,गरीब न हो, लाचार न हो,बिमार न हो...

सभी देशवासियों का जीवन

संपन्न, समृद्ध, यशदायी,आनंददायी बनाने के लिए...


कंधे से कंधा मिलाकर...

ध्येयमंदिर की ओर आगे बढते है।


"तीव्र इच्छाशक्ति नामुमकिन को मुमकिन में बदल देती है।"


सभी भारतीयों को नवसंजीवन,नवजीवन, नवचैतन्य,आरोग्य, ऐश्वर्य प्राप्त होने के लिए...

परमकृपालु प्रभु परमात्मा के पवित्र चरणकमलों पर आज के पावन दिन पर हम विनम्र प्रार्थना करते हैं।


संपूर्ण विश्व आदर्श हिंदु संस्कृति का ,सनातन धर्म का आचरण करें और...

संस्कृति संपन्न बनें...दुखमुक्त बनें...

यही हमारी ,हम सभी की मनोकामना भी दयालु ईश्वर जरूर पूर्ण करें।


सभी का कल्याण हो,सभी का मंगल हो।

हरी ओम्

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विनोदकुमार महाजन

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा,

नववर्षारंभ

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