इंच इंच भूमि प्रभु की है
सारा हिसाब पूरा होगा...
क्योंकी ....इंच इंच भूमी मेरे प्रभू की है.....।
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सारा हिसाब पूरा होगा।
जी हाँ दोस्तों,
नियती,निसर्ग और खुद ईश्वर सारा हिसाब पूरा करते ही है।
बस्स...उसे योग्य समय का इंतजार रहता है।
समय का इंतजार।
पापों के सौ घडे पूरे होनेतक स्वयं भगवान श्रीकृष्ण भी शिशूपाल वध के लिए समय का इंतजार करते है।
खुद के माँ बाप,वसुदेव देवकी दुष्ट कंस के कारागृह में बंद होकर भी ...कंस का वध तुरंत भगवान नही कर सकते।
और रावण के अशोकवन में नजरकैद में आदीमाया सिता होनेपर भी राम भी तुरुंग रावणवध करके सिता को नही छूडा सकते।
समय का इंतजार।
यही तो प्रभू की लिला है।
वह प्रभू परमात्मा जीतना दयालू है,उतना कठोर भी है।
भक्तों के लिए दयालू और क्रूर राक्षसों के लिए कठोर।
इसिलिए तो वह भगवान है।
अब,आज भी संपूर्ण पृथ्वी पर नजर डालते है तो.....?
क्या दिखता है ?
मेरे प्रभु परमात्मा की स्वर्ग जैसी सुंदर धरती पर,अनेक जगहों पर हैवानों ने कब्जा किया है।अनेक जगहों पर हैवानियत का हाहाकार मचा हुआ है।
और प्रभु शांत होकर यह दृष्य देख रहे है।भयंकर संतापजनक तथा क्लेशदायक दृष्य।
सृष्टि रचियेता प्रभु भी हैरान होंगे यह राक्षसी तमाशा देखकर।
वास्तव में इंच इंच भूमी मेरे भगवान की है।
मगर...ईश्वर को,कुदरत को,कुदरत के कानून को ही क्षुद्र मनुष्य आज ललकार रहा है।और चारों तरफ हाहाकार बढा रहा है।
तो मेरे प्रभु शांति से बैठेंगे ?
कुछ भी नही करेंगे ?
हर एक हाहाकारी पापीयों का वह परमात्मा हिसाब पूरा करेगा।जरूर पूरा करेगा।
सारा हिसाब पूरा होगा।
मगर समय का इंतजार।
क्योंकि सृष्टि के नियमों में भगवान भी हस्तक्षेप नहीं करते है।
और समय का इंतजार ही करते है।
आज लुटारू, आक्रमणकारियों ने चारों तरफ हाहाकार मचाया है।जहाँ जाते है वहाँ बरबादी का खेल करते है यह राक्षस।
गली,गांव, शहरों में हाहाकार....
और प्रभु मौन।
संस्कृति पर हमले, मंदिरों पर हमले।
और प्रभु शांत।
गौमाताओं के हत्या से खून की नदीयां बह रही है...गौमाताओं के शापों से...भयंकर, भयानक अनेक मुसिबतों का सामना मनुष्य प्राणीयों को करना पड रहा है।
तो भी मनुष्य नहीं सुधर रहा है।
और फिर भी प्रभु शांत है।
गली गांवों के सुंदर नाम भी बदले जा रहे है,बदले गये है।सुंदर भजन - किर्तन - शास्त्रीय गायन - प्रवचन - आरतीयाँ - मंगल ध्वनियां - शंखनाद ....
की जगह...
कर्णकर्कश्य आवाजों द्वारा सामाजिक सौहार्द जानबूझकर समाप्त किया जा रहा है।
कितने दिनों तक ?
कितने दिनों तक हाहाकार मचाओगे हैवानों ?
साक्षात ईश्वर को और ईश्वरी शक्तियों को ललकारने वाले मानवता शून्य हैवानों....
प्रभु तुम्हें माफ नही करेगा।
कदापि नही।
सारा हिसाब चुकता होगा।
सारा हिसाब पूरा होगा।
बस्स्... थोडा समय का इंतजार बाकी है।
और वह थोडा समय भी अब नजदीक आया है।
क्योंकि असली भक्त...
भगवान क्या सोचता है,अथवा उसके मन में क्या विचार चल रहे है...
यह तुरंत जानता भी है और पहचानता है।
अब प्रभु इच्छा से ही...
क्रांती होगी।
देश में भी और वैश्विक क्रांती भी।
संपूर्ण परिवर्तन की क्रांती।
क्योंकि बहुत हो चुका है हैवानों का नंगानाच।
संपूर्ण धरतीपरनंगानाच करनेवाले..
अब...
क्षमायोग्य रहे ही नही है।
संपूर्ण पृथ्वी से आसुरों का संपूर्ण सर्वनाश...
यह पत्थर पर लिखी हुई लकीर है।
जीसे कोई काट नही सकता।
खुद ईश्वर अब सारा हिसाब पूरा करेगा।और हैवानों का हैवानियत भरा नंगानाच सदा के लिए संपूर्ण पृथ्वी से ही समाप्त करेगा।
पृथ्वी का पाप का कलंक धोया जायेगा।
पापमुक्त पृथ्वी और आसुर मुक्त पृथ्वी का सुंदर दृष्य....
कुछ समय बाद दिखाई देगा।
आसुरी सिध्दातों पर चलने वालों नें...
बहुत तडपाया सत्य को,सत्य वादीयों को,ईश्वर प्रेमियों को।
मगर अब समय नजदीक आया है...हिसाब पूरा होने का।
उन्मत्त, उन्मादी, हाहाकारी पापीयों को उनके पाप की सजा खुद ईश्वर द्वारा दिलाने का।
सत्य परेशान जरूर हो सकता है..पराभूत कभी नहीं हो सकता।और असत्य चाहे सत्य का मुखौटा धारण करके संभ्रमीत करता रहता है...तो...यह असत्य का मुखौटा भी योग्य समय आनेपर हट ही जाता है।
और असत्य का विनाशकारी, जहरीला, असली चेहरा भी सामने आता है।
समय बडा बलवान होता है।
और हमें भी उसी समय का इंतजार है...जहाँ सत्य की
आखिरी जीत होगी।
और इसके बाद प्रभु की सुंदर धरती फिर से सुंदर होगी,पावन होगी।
हर सजीव - पशुपक्षी - चौ-याशी लक्ष योनी बडे आनंद से खुशहाल जीवन जीने के लिए सक्षम होंगे।
सजीवों को सैरभैर जीवन समाप्त होगा।
धरती का स्वर्ग होगा।
चारों तरफ आबादी आबाद होगा।
दीन,दुखी,कंगाल, हताश,निराश,भूका कोई नही रहेगा।
क्योंकि इंच इंच भूमि मेरे प्रभु की है।और उस भूमि पर भगवान का ही अधिकार है।
और इंच इंच भूमि पर प्रभु का ही राज जरूरी है।
बाकी अगले लेख में।
तब तक के लिए।
हरी ओम्
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विनोदकुमार महाजन
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