जैसे को तैसा

 जैसे को तैसा...

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साथीयों,

जैसे को तैसा यह

मेरा कानून नही है

यह ईश्वर का कानून है

यह कुदरत का कानून है

इसिलिए अब धर्म रक्षा के लिए

जैसे को तैसा बनना ही पडेगा

षठ प्रतीषाठ्यम्

सज्जनों के लिए सज्जन

दुर्जनों के लिए दुर्जन

इमानदारों के लिए इमानदार

बेईमानों के लिए बेईमान

प्रेम के बदले में प्रेम

नफरत के बदले में

झूठा ही सही... नफरत


अमृत देनेवालों के लिए

अमृत का कूंभ

जहर देनेवालों के खिलाफ

जालिम जहर


कबतक सहिष्णु बनकर

जीवन का सर्वनाश 

करते रहेंगे ?


एक गाल पर थप्पड मारनेवालों के लिए,

दूसरा गाल आगे नही करेंगे

थप्पड मारनेवालों का

हाथ ही उखाड फेकेंगे

ऐसा तेजस्वी बनना पडेगा


एक थप्पड के बदले

दूसरा गाल आगे करते करते

हमें तेजोहीन बनाया गया

नंपूसक बनाया गया

स्वाभीमानशून्य बनाया गया

लाचार बनाया गया

अस्तित्व शून्य बनाया गया


इसके लिए अब हमें

यह ढोंगी सहिष्णुता का

मुखौटा छोडकर

तेजस्वी बनना पडेगा


तेजस्वी ही बनना पडेगा


आग भी बनना पडेगा

और अंदर की आग भी

जलानी पडेगी

और आत्मचैतन्य भी 

जगाना पडेगा

मरे हुए मन से कबतक

जीवन जियेंगे ?

मुर्दाड मन से कबतक

जीवन जियेंगे ?

कबतक रोना रोते रहेंगे ?


चलो उठो

तेजस्वी बनते है

संगठीत बनते है


षठ प्रती षाठ्यम्

बनकर अधर्म पर

प्रहार करते है


तभी धर्म की जय 

कर सकेंगे

तभी अधर्म पर प्रहार 

कर सकेंगे

तभी असत्य को हराकर

सत्य की जीत

कर सकेंगे ?

तभी ईश्वरी कानून ला सकेंगे


लाखों,करोडो देकर

अगर हमें कोई 

लाचार बना रहा है

गूलाम बना रहा है...

तो भी हम उसका

सदैव धिक्कार ही

करते रहेंगे

चाहे वह हमारे खून का भी

क्यों न हो 


तैयार...???


आवो सबमिलकर

जैसे को तैसा बनने के लिए

आगे बढते है

सिने पर हाथ रखकर

कसम खाकर कहेंगे...

धर्म रक्षा के लिए

हम सभी तेजस्वी बनते है

जैसे को तैसा बनते है


हरी ओम्

( विचार पसंत आये तो लिंक खोलवर लाईक जरूर करना।कमेंट भी करना। )

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विनोदकुमार महाजन

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