सुर्य नारायण

 सुर्य नारायण

( लेखांक : - २०६७ )


विनोदकुमार महाजन

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हमारे गांव में,

हमारे महाजन परिवार का एक बहुत ही पुराना, भव्य - दिव्य मंदिर है !

सुर्य नारायण मंदिर !


सुर्य नारायण,

मतलब प्रखर तेज,अग्नि, ज्वाला, लाव्हा,

अंधेरे को समाप्त करनेवाला, नया उजाला प्रदान करने वाला,सभी सजीवों को नवचैतन्य बहाल करने वाला,

साक्षात तेजस्वी,

भगवान सुर्य नारायण !


मुझे गर्व है की मैं ऐसे प्रखर तेजस्वी घराने में पैदा हुवा हुं !

वही सुर्य नारायण का प्रखर तेज,ज्वाला, लाव्हा,अग्नि, आग मुझमें शायद...

उसी सुर्य नारायण ने ही भरी होगी !


काश,

महाजन परिवार का हर सदस्य भी ऐसा ही तेजस्वी होता !

अधर्म, अन्याय, अत्याचार के विरुद्ध चौबीसों घंटे प्रखर तेजस्वी हो जाता !


वह आग ,तेज,प्रखरता न जाने क्यों मुझमें ही मेरे सुर्य नारायण ने कुटकुटकर भरी हुई है !

और मेरे सद्गुरु अर्थात मेरे दादाजी, मेरे आण्णा, श्री.विश्वनाथ " नारायण " महाजन जी ने भी मुझे बारबार मार्गदर्शन, प्रोत्साहन देकर, वही प्रखर सुर्य " नारायण " का तेज मेरे अंदर भी कुटकुटकर भरा है ! जो प्रखर तेज मुझे मेरे वैश्विक कार्यों के लिए, उपयोगी साबित हो रहा है !


शायद विश्व में फैला हुआ अधर्म का अंधीयारा चिरके,धर्म का उजाला करने के लिए ही,मेरे तेजस्वी सुर्य नारायण ने,उसके ही तेजस्वी कूल में पैदा किया होगा ! 

सुर्य नारायण की ही इच्छा से शायद संपूर्ण धरती का पाप,आतंक,हाहाकार, अब जल्दी ही जलकर खाक हो जायेगा ! और सृष्टि को फिरसे नई चेतना, नई ऊर्जा, नया उजाला प्रदान होगी !


विष्णु भगवान की भी शायद यही इच्छा होगी !

इसिलिए मेरी कठोर तपस्या भी विष्णु जी के पवित्र तिर्थ क्षेत्रों में...जैसे बार्शी का भगवंत, पंढरपुर का पांडुरंग, आलंदी के ज्ञानेश्वर ...ऐसे पवित्र स्थानों पर ही पुरी हो गई है !

यह भी एक विशेष संयोग ही है !


आखिर नारायण भी किसी का माध्यम बनाकर, शायद सृष्टि का नवसृजन करना चाहता होगा !


देखते है,भविष्य में क्या लिखा है,और साक्षात नारायण मेरे हाथों से कौनसा वैश्विक ईश्वरी कार्य करना चाहता है !


हरी ओम्

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