जागो रे हिंदुस्थानी

 फ्री की रेवडी बाँटकर

समाज को और देश को

बरबाद करनेवालों के खिलाफ

सरकार सख्त और तुरंत 

कानून क्यों नहीं बना रही है ??


आज ऐसा सख्त कानून

नहीं बनेगा तो 2024 के

लोकसभा चुनाव पर इसका

भयंकर गहरा असर पडने की

जादा संभावना है !!


और अनायासे ही सत्ता पर आनेवाले गलत लोग ,

फ्री के लालच में मतदाताओं को

भ्रमीत करके शातीर दिमाग से

" विपरीत "....

चलकर देश की आर्थिक स्थिती

पर विपदा पैदा कर सकते है !!

और भयंकर राष्ट्रीय विपदाओं की ओर संपूर्ण देश को और

देशवासियों को ले जा सकते है !


साथीयों,

अब यह भी पढीये 👇👇👇

और सावधान हो जाईये !!

विशेषतः केंद्र सरकार !


*आम जनता को मुफ़्तख़ोरी का लालच देकर ब्रिटेन की प्रधानमंत्री बनी लिज़ ट्रस को देना पड़ा इस्तीफ़ा!* 


सिर्फ़ 45 दिन रह सकीं ब्रिटेन की प्रधानमंत्री!


45 बिलियन पाउंड टैक्स कटौती के कारण चरमरा गई थी ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था! अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गया था पाउंड। बेतहाशा बढ़ गई थी महँगाई! 


लिज़ को बचाने कोई भी आगे नहीं आया! न उनकी पार्टी के नेता, न कार्यकर्ता और न ही मुफ़्तख़ोरी को इन्जॉय करने वाली जनता! 


ब्रिटेन की पढ़ी लिखी जनता भी जब अपने पैरों पर ख़ुद कुल्हाड़ी मार सकती है तो भारत के तथाकथित समझदार और मासूम मतदाताओं की  क़िस्मत फुटने से कौन रोक सकता है जो सिर्फ दो सौ युनिट बिजली के लिए एक  धुर्त को सत्ता सौंप देती है ।


साथीयों,

सोचो,समझो,जानो,जागो !


" चारों तरफ से " 

देश को बरबाद करनेवालों के

नौटंकीबाजों के चेहरे पहचानो !


अब देश की संपूर्ण जनता को

सजग होकर ऐसे सख्त कानून

बनाने के लिए सरकार पर

दबाव डालना पडेगा !


नहीं चाहिए हमें मुक्त की सरकार

मुक्त की रेवडी बाँटनेवालें

करेंगे नशे का ब्यापार

और कर देंगे देश को बेकार !


जागो रे जागो रे जागो हिंदुस्थानी

फ्री का ब्यापार करने वालों की

हम सदा के लिए बंद कर देंगे

नौटंकीबाजों की शातीर कहाणी !


" देश बचाओ आंदोलन ! "

" संस्कृती बचाओ आंदोलन ! "


हर एक की है जुबानी

बनायेंगे एक नई कहाणी !!!


फ्री की रेवडी नहीं लेंगे

फ्री बाँटनेवालों का सदा के लिए

बहिष्कार करेंगे !!!


हम देश को बरबाद नहीं होने देंगे

देश की बरबादी का सपना देखने वालों को हम कभी

क्षमा भी नहीं करेंगे !


जागो साथीयों जागो !!! 


हर हर महादेव !

जय श्रीराम !


हरी ओम्


🚩🚩🚩🚩🕉️🕉🕉🕉


प्रखर राष्ट्रवादी, अंतरराष्ट्रीय पत्रकार,

विनोदकुमार महाजन

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