कोजागिरी पौर्णिमा

 कोजागिरी पौर्णिमा ( १०/१०/२०२२ )


लेखांक : - २०८८

विनोदकुमार महाजन

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कोजागिरी पौर्णिमा का महत्व यह है की,माता महालक्ष्मी का आज जन्मदिन है !

समुद्र मंथन से आज ही माता महालक्ष्मी का अवतरण हुआ है !


अगर आज ही के दिन, प्रत्यक्ष माता महालक्ष्मी भोर में 

( समय ४/४४ AM ,सोमवार ) सपनों में आकर आशिर्वाद देती है और उसको फलस्वरूप आमरूद और दो केले प्रसार ( फल ) देती है तो उस व्यक्ती का निश्चित ही भाग्योदय होकर, उसे राजऐश्वर्य की प्राप्ती होगी !

आज चंद्र १६ कलाओं से परिपूर्ण होता है ! और भगवान श्रीकृष्ण भी १६ कलाओं में परिपूर्ण थे !


माता महालक्ष्मी ने मुझे इससे पहले दो बार दर्शन और आशिर्वाद दिये है !

( पंढरपूर : - आठवले वाडा,दासगणू वाडा और

आलंदी : - चाकण चौक, फराकंडे ) 

और अब तीसरी बार ( खोपोली : - जैनम् गार्डन )

कोजागिरी पौर्णिमा को दर्शन और आमरूद का फल और दो केले का फल दिया है !

अब निश्चित भाग्योदय होकर, आरोग्य, ऐश्वर्य प्राप्त होकर, वैश्विक ईश्वरी अवतार कार्य को गती मिलेगी !

आज के दिन माता महालक्ष्मी आसमंत में भ्रमण करती रहती है,और भक्तों को आशिर्वाद देकर, उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी करती है !


।। ओम् श्रीं नम: ।।

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