शक्तिमान

 शक्तिमान...!!!

( लेखांक :- २०८५ )


विनोदकुमार महाजन


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एक रावण के लिए

राम को आना पडा !

कंस,दुर्योधन, कौरवों के लिए परमात्मा कृष्ण को

आना पडा !

एक हिरण्यकशिपु के लिए

धधगता तेज लेकर

नारसिंह को ज्वाला बनकर

आना पडा !

भयंकर उग्र तेज लेकर !


तो सोचो,

आज हर घडी,हर पल

हर जगहों पर,

जगह जगहों पर,

पग पग पर,एकसाथ,

अनेक उन्मादी, उन्मत्त,

हाहाकारी

अनेक विनाशकारी रावण,कंस,दुर्योधन, कौरव,

हिरण्यकशिपु दिखाई देते है !


कितना भयावह समय चल रहा है ?

संपूर्ण पृथ्वी पर ?

विनाशकारी माहौल ?

अतीभयंकर विपदाओं की, मुसीबतों की घडी !


धर्म संकट !!!

चारों तरफ से भयंकर धर्म संकट !


कौन अपना और कौन पराया,

यह भी समझ में नहीं आ रहा है !

इतना भयानक स्वार्थांधता का माहौल ?


कली का भयंकर ,

अक्राल - विक्राल रूप !

भयंकर विनाशकारी थैमान !


और सत्य को,सत्य सनातनियों को अदृश्य रूप से घेरने वाले,

हर जगह सत्यवादीयों का रास्ता रोकने वाले,

अनेक अदृश्य नाग और

उन्मत्त, उन्मादी कली का,

हर जगहों पर गुप्त नागपाश !


अंदर से भी बाहर से भी !


भयंकर चक्रव्यूह !

अदृश्य नागपाश का !


भेदने की कोशिश करेगा, तो समाप्त हो जायेगा !

अनेक फनधारी नाग !

दृश्य - अदृश्य !


तो क्या,

इतनी भयावह विपदाओं की स्थिति में अब ईश्वर को सचमुच में आना ही पडेगा ?

और अब

कौनसा रूप धारण करके आना पडेगा ?


सत्य को और सत्यवादीयों को चारों तरफ से,

अपनों ने ही ,

और परायों ने भी,

बरबादी के लिए घेर के रखा है !

तो भरौसा भी किसपर करें

और कैसा करें ?

पग पग पर धोका और अविश्वास का माहौल !


कौन, कब और कैसे घात करेगा,

इसका कोई भरोसा नहीं रहा है !


तो ऐसी भयावह स्थिति में ईश्वर को ही आना पडेगा ?

कौनसा रूप धारण करके आना पडेगा ?

संपूर्ण पृथ्वी पर इतने भयंकर,भयानक उन्मादी महाराक्षसों के संपूर्ण सर्वनाश के लिए,

ईश्वर को ....

कितना शक्तिमान...

बनकर आना पडेगा ?


गुप्त अस्त्र और शस्त्र लेकर ?


क्या आज की भयावह स्थिति का निपटारा साधारण शासक

कर सकेगा ?

और अगर कर सकेगा, तो सामान्य शासक नहीं, बल्कि असामान्य ही होगा ?


तो ऐसी भयंकर विनाशकारी

विपदाओं की स्थिति में 

केवल ईश्वर को ही आना पडेगा ?

हाहाकारीयों के सर्वनाश के लिए ?


अगर ईश्वर को आना ही पडेगा,

" धर्म पुनर्स्थापना के लिए..."

तो ...

" वो जरूर आयेगा ! "

गीता का वचन निभाने के लिए आयेगा !


कब आयेगा, कौनसा रूप धारण करके आयेगा, कौनसी निती अपनायेगा....शायद

यह किसी को समझ में भी नहीं आयेगा !


गुप्त रूप से धरती पर वो

कब आयेगा ?

उन्मादियों का सर्वनाश कब और कैसे करेगा ?

और स्वर्ग को वापिस भी कब जायेगा ?

यह किसी को पता भी नहीं चलेगा ?


वो शक्तिमान बनकर आयेगा !

क्योंकि वह ईश्वर है !

और ईश्वर को और उसकी अगाध लीला को समझना

हमारे बस की बात नहीं है !

हरी ओम्


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