यशस्वी

 इंन्सानरूपी अनेक जहरीले

साँपों का और कर्मगती के जहर का दंश होने के बावजूद भी आज मैं , मेरे सद्गुरु कृपा से जींदा भी हूं ! 

और यशस्वी भी हूं !

हर हर महादेव !!


विनोदकुमार महाजन

Comments

Popular posts from this blog

ऊँ कालभैरवाय नम :

मोदिजी को पत्र ( ४० )

हिंदुराष्ट्र