अनुभूति

 अनुभूति !!


एक दिन...

भोर पांच बजे

खुद रामजी ,सितामैया ,लक्ष्मणजी और हनुमानजी सपनों में आये !

मगर कुछ बोले नहीं !

मैं इसका अर्थ भी समझा नहीं सका !

और उसी दिन में न्यायालय का

राममंदिर के पक्ष में फैसला आ गया !


अब राममंदिर निर्माण चल रहा है !

और कल ही सपनों में

सज्जनगढ़ में रामदास स्वामी द्वारा स्थापित रामजी और सितामैया के अद्भुत दर्शन हो गये !

मगर इस बार लक्ष्मणजी और हनुमानजी साथ में नहीं थे !

केवल सितामैया और राम ?

इसका मतितार्थ अभीतक समझ में नहीं आ रहा है !


वैसे मुसिबतों की भयंकर घडी में हनुमानजी मुझे हमेशा सहायक होते है !


फिर भी ऐसा क्यों होता है ?

यह समझ में नहीं आता है !


दिनभर हम मन में जो देखते है

वहीं साधारणतः सपनों में दिखाई देता है !

यह मनोविज्ञान भी है !

मगर मुझे तो अनेक बार

पहले सपनों में घटना दिखाई देती है !

और बाद में अनुभूति मिलती है !


दिव्य हनुमान दर्शन , दिव्य नारसिंह दर्शन , अनेक देवीदेवताओं के दिव्य दर्शन भी इसी अनुभूति का भाग है !


कारण तो ईश्वर ही जाने !!

जय श्रीराम !

सिताराम की जय बोलो !


🙏🙏🙏🕉🚩


विनोदकुमार महाजन

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