कालसर्पयोग

 *कालसर्पयोग और मनुष्य ?*

✍️ २६०५

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वैसे तो

लगभग सभी मनुष्यों का जीवन सदैव दुखों से ही भरा रहता है !

चींता , परेशानियां , भय ,आर्थिक परेशानियां , बिमारीयाँ जैसी अनेक मुसिबतें हर समय में साथ रहती है !

और मनुष्य प्राणी इससे निरंतर छूटकारा पाने की कोशिश में रहता है और हर समय में सुखों की खोज में रहता है !


इसीलिए रामदास स्वामी भी कहते है , " जगी सर्व सूखी असा कोन आहे ? "

वास्तव में सूखी कोई भी नहीं है !


और ऐसे में फिर हमारे जीवन में ,

" कालसर्पयोग " बनता है तो लगभग पूरा जीवन ही दुखों से और भयंकर मुसिबतों से , कष्ट से भरा पडा रहता है !

" अदृश्य सर्पों द्वारा चारों ओर से घेरना अथवा जकडना ! "

हम जैसे जैसे बाहर निकलने की कोशिश करते है , वैसे ही अदृश्य सर्पों का भयंकर जहरीले मुसिबतों का घेरा बढता है !


और फिर शुरू होता है इससे बाहर निकलने के लिए , अनेक दैवी उपायों का अखंड सिलसिला !


सौ प्रतिशत उपाय कभी मिलता नही और हम मुसिबतों के चक्कर से बाहर निकलते नही है !

आजीवन केवल और केवल दुख ही दुख !

छूटकारा नही !


एक मुसिबत टलती है तो दूसरी आती है ! दूसरी टलती है तो तीसरी मुसिबत भयंकर उग्र रूप धारण करके सामने खडी हो जाती है ! और हम मजबूर , असहाय होकर , उसी भयंकर चक्रव्यूह में निरंतर फँसते जाते है !


किसी के सहयोग की अपेक्षाएं भी लगभग समाप्त हो जाती है !

आर्थिक हानि , बढती बिमारीयाँ ,असह्य बदनामीयाँ , समाज और रिश्तेनातों में अकेला पड जाना , झूठे आरोप में फँसकर , और ऐसी ही अनेक जटिल मुसिबतों में फँसकर , जीवन असह्य होना !

और सुसह्य जीवन का हमारा निरंतर प्रयास !


कालसर्प का घेरा सचमुच में अती भयावह होता है !

ऐसा योग , लगभग पूरा जीवन ही बर्बाद कर देता है !


तो इससे छूटकारा पाने का सचमुच में कोई दैवी उपाय है या नहीं ?


उपाय है !


असंभव को भी संभव में बदलने की शक्ति , क्षमता ,और दैवी उपाययोजना हमारे आदर्श धर्म ग्रंथों में , धर्म शास्त्रों में और सनातन धर्म में जरूर बताई गई है !


सनातन धर्म एक ऐसा आदर्श सैध्दांतिक धर्म और आदर्श जीवनप्रणाली है जीसमें असंभव कुछ भी नहीं है !

बस्स्...उसके लिए चाहिए अटूट विश्वास , तीव्र इच्छशक्ति और अचूक दैवी उपाययोजना !


फिर कालसर्पयोग हो अथवा उससे भी भयंकर जटिल समस्याओं से घीरा हुवा हमारा जीवन हो , सभी से छूटकारा पाकर ,

एक सुखी , आनंदी , यशस्वी जीवन जीने का तरीका भी हमारे आदर्श सनातन संस्कृति में बताया गया है !

अचूक रास्ता पता होना चाहिए !


फिर देखिए कमाल !

आश्चर्यजनक तरीकों से हमारा जीवन बदलने का रास्ता भी हमारे आदर्श हिंदू धर्म में बताया गया है !


इसके बारें में विस्तार से तथा विस्तृत लेखन किसी दूसरे लेखों में !

( जादू की छडी )


हरी ओम्


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 *विनोदकुमार महाजन*

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