गुलाब का फूल

 *धूल का फूल ?*

✍️ २७३१


🌹🌹🌹🌹🌹


बहुत ही सुंदर 

गुलाब का फूल है

मगर मिट्टी में गिरा है

तो क्या फायदा ?


असली कोहीनूर हीरा है

मगर मिट्टी में पडा है

तो भी क्या फायदा ?


बहुत ही गुणवंत , ज्ञानी ,

बुध्दीमान व्यक्ती है 

मगर उसकी बहुत अवहेलना है तो भी

क्या फायदा ?


बहुत ही सुंदर स्त्री है

मगर दारीद्र्य से जूंझ रही है, तो भी क्या फायदा ?


गुलाब का फूल ईश्वर के चरणों पर समर्पित करने से ही खिल उठता है !


कोहीनूर जैसा असली रत्न भी उंचे स्थानों पर रहने से ही उसकी कीमत बढती है !


गुणवंत , बुध्दिवंत व्यक्ती को उच्च स्थान ही शोभा देता है !


बहुत ही सुंदर स्त्री है मगर ऐसी स्त्री भी अमीरी में ही शोभायमान दिखती है !


ठीक वैसे ही यह देश भी बहुसंख्यांक हिन्दुओं का है , मगर हर हिंदू ही अनेक जटिल बेडियों में लटकाया गया है तो ?

बहुसंख्यांक हिन्दुओं का भी क्या फायदा ?


हिंदुराष्ट्र बनाकर , बहुसंख्यांक हिन्दुओं को यथोचित न्याय मिलने से ही , सनातनी हिन्दुओं की कीमत बढ सकती है !


 *राधे राधे तो बोलना ही* *पडेगा !* 

मंजूर है तो बोलिए 

 *राधे राधे* 


💎💎💎💎💎


 *विनोदकुमार महाजन*

Comments

Popular posts from this blog

ऊँ कालभैरवाय नम :

संपूर्ण लेखांक भाग २५

ईश्वर