कौनसा कृष्ण चाहिए

 *आज संपूर्ण विश्व को* 

 *आध्यात्मिक श्रीकृष्ण की* *नहीं* *बल्की राजनैतिक* *श्रीकृष्ण की सख्त* *जरूरत है....*


✍️ २७२३

🚩🚩🚩🚩🚩


जी हाँ ...

आज केवल भारत देश को ही नहीं बल्की संपूर्ण विश्व को श्रीकृष्ण के सर्वश्रेष्ठ राजनिती की जरूरत है !


जो सदा के लिये सत्य सनातन की , हिंदू धर्म की जीत कर सकें !


आज मुरलीधर नहीं सुदर्शन चक्र धारी श्रीकृष्ण की जरूरत है !


जो संपूर्ण धरती से ही पापों का अंधेरा सदा के लिये मिटा सके और संपूर्ण पापी , अधर्मीयों का संपूर्ण नाश कर सके !


आज हर हिन्दुओं को भी आध्यात्मिक तथा बांसुरीवाला श्रीकृष्ण पूजने की नहीं बल्की सुदर्शनचक्र धारी श्रीकृष्ण को पूजने की सख्त जरूरत है !


हर एक हिंदू को श्रीकृष्ण का अंश धारण करके , कृष्ण निती के अनुसार चलकर सत्य की जीत करनी होगी !


समय आने पर साम , दाम , दंड , भेद अथवा छल , कपट करके भी सत्य की जीत करना अनिर्वार्य होगा !


जैसे को तैसा

ऐसी सर्वश्रेष्ठ कृष्ण निती !


कितना घनघोर महाभारत का युद्ध हुवा , कितने कौरव अथवा कौरव सेना अथवा पांडव सेना मारी गई , इसका कोई भी शोक , मोह ना करके , संपूर्ण यदुवंश का भी नाश देखने के लिये भी श्रीकृष्ण ने मन को तैय्यार किया था !


अगली पिढी धन , वैभव , ऐश्वर्य के लिये आपस में ना लडे , इसिलिए सोने की द्वारीका भी समुद्र में डुबो दी थी !


यही है सर्वश्रेष्ठ कृष्ण निती !


मोहमाया का संपूर्ण त्याग !


आज हम सभी को इसी आदर्श आचरण की सख्त जरूरत है !


जब पाप , हाहाकार , अधर्म बढता है तब ?

स्वयं ईश्वर , नियती , निसर्ग , कुदरत ( युनिवर्स ) इसमें हस्तक्षेप करता है और ईश्वर निर्मित सृष्टी संतूलन कायम करता है !


आज भी यही स्थिती है !

भयावह !

सत्य मर गया है !


इसे नवसंजीवनी देकर पुनर्जीवित करने के लिये , आज फिरसे महाभारत जैसे भयंकर तथा घनघोर रणसंग्राम की सख्त जरूरत है !


तभी पापीयों का , उन्मादीयों का संपूर्ण संहार होकर , सृष्टी संतूलन फिरसे कायम रहेगा !


संपूर्ण सजीव सृष्टी ऐसे भयावह पापों के कारण घोर मुसिबत में है !


काला , कारस्थानी कृष्ण ही अब ऐसी भयावह स्थिती को संभल सकता है !


दया माया का समय संपूर्णतः समाप्त हो गया है ! ?


और इसी अवतार कार्य को पूरा करने के लिये , स्वयं भगवान श्रीकृष्ण , रूप बदलकर धरती पर अवतरीत हो गया है ! ??


वो कैसे , कहाॅं और कब पापीयों का संहार करके स्वर्ग को चला जायेगा , किसी को पता भी नहीं चलेगा ! ?


संपूर्ण सनातनीयों को भी अब श्रीकृष्ण की निती का स्विकार करना ही पडेगा !


ममत्व त्यागकर आगे बढना पडेगा !

सत्य की और सत्य सनातन की अंतिम जीत के लिये ममत्व त्यागकर कठोर , क्रूर और कर्तव्य कठोर तो बनना ही पडेगा !


तभी और तभी सत्य और सत्य सनातन धर्म बचेगा !


अधर्म का अंधियारा अती भयावह है !

सत्य वादी अंदर से केवल तडप ही नहीं रहा है , बल्की , अंदर से जल रहा है !


हैवानियत हर पासा अपनी ओर खिंच रहा है !


जागो हिंदू साथीयों !


कृष्ण निती का स्विकार करों !


 *जय श्रीकृष्ण !!* 


🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️


 *विनोदकुमार महाजन*

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