ऐसा क्यों हुवा ?

 मेरे सद्गुरू ने

देहत्याग करके

पूरे सत्ताईस साल

हो गये

मगर उनकी याद में

हरदिन मेरे आँखों से

आँसु बहते है

इतना दिव्यप्रेम उनके

अंदर था


साक्षात स्वर्ग


देहत्यागने के बाद भी

उन्होने मुझे

गायत्री मंत्र दिया


मगर आज दुर्देव से

घर का कोई सदस्य

स्वर्गवासी होता है

तो दुसरे ही दिन में

अनेक घरों में

हँसी मजाक और 

ठहाके की आवाजे

गुंजने लगती है


सचमूच में इंन्सान

इतना संवेदनशून्य

बन गया ❓

इतना ह्रदयशून्य बन गया ?



ऐसा क्यों हुवा ?


विनोदकुमार महाजन

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