इस्त्रायल

 इस्त्राएल जैसा...???

✍️ २३७३


विनोदकुमार महाजन

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शायद ,

इस्त्राएल जैसा आदर्श देश नहीं होगा !


इस्त्राएल जैसा देश चाहिए !

इस्त्राएल जैसा देशप्रेम भी चाहिए !

इस्त्राएल जैसी जीद्द चाहिए !

इस्त्राएल जैसी एकता चाहिए !

इस्त्राएल जैसी कट्टरता भी चाहिए !

इस्त्रायल जैसा स्वाभीमान चाहिए !

वहाँ तो मुश्किल समय में सब विरोधी भी एक होते है !!


संपूर्ण देशवासियों के कल्याण के लिए ,मरमिटने की जीद्द चाहिए !!


और हमारे यहाँ ??

सभी के कल्याण के लिए

मर मिटने वालों की ही दुर्दशा कर देते है !

सभी पर दिव्य प्रेम करनेवाले की दुर्दशा कर देते है !

उसको ही अपमानीत करते है ,

बदनाम करते है ,

उसको ही मार काट की धमकियाँ देते है !

उसे ही बरबाद कर देते है !

आजीवन उसे ही भरभरके रूलाते है !

उसकी सच्चाई , अच्छाई , नेकी की भी चारों ओर , आग की तरह बदनामीयाँ कर देते है !


नाम है हिंदु !!


अनेक संत ,महंत ,महात्माओं को ,साधू - सिध्दपुरूषों को भी इन्होने तडपाया है !

जीवन भर के लिए नरकयातनाएं दी है !


यही है हमारी एकता , यही है हमारा भाईचारा ??


आज भी " एक महापुरुष " सभी के कल्याण के लिए ,निस्वार्थ भाव से ,चौबिसों घंटे एक कर रहा है !

दिनरात एक कर रहा है !

जी तोड मेहनत कर रहा है !

देश के और देशवासियों के उज्वल भविष्य के लिए , बडे बडे निर्णय ले रहा है !

हर क्षेत्र में , आसमान की उंचाईयों को छू रहा है !


नाम है -

नरेंद्र मोदी !!

( सत्य लिखने पर , कुछ उपद्रवकारी हमें भी अंध मोदिभक्त कहते है ! कमाल है ना ? )


और हम कर्मदरीद्री लोग ?

उसका साथ देने के बजाए ,

उसका ही विरोध कर रहे है ?


सचमुच में कर्मदरीद्री लोग !!

साक्षात ईश्वर भी ऐसे लोगों से सदा के लिए दूर भाग जायेगा !

अथवा हमारे ही लोग ,

कल्याणकारी ईश्वर को भी सदा के लिए दूर भगाएंगे ?

उसके सद्गुणों को देखने के बजाए , उसमें भी दोष ढूंडते रहेंगे !

उसका जीना हराम कर देंगे !

आजीवन यही कार्य करते रहेंगे !

आजीवन हम नहीं सुधरेंगे !


सदा के लिए वह पुण्यात्मा सभीसे दूर चला जायेगा ,

तो भी दूरसे भी उससे चौबिसों घंटे नफरतों का जहर बाँटते रहेंगे !

उसकी ही नींदा करते रहेंगे !

उसके खिलाफ हमेशा कटकारस्थान करते रहेंगे !

उसे निचा दिखाने की बारबार कोशीश ही करते रहेंगे !


तो ? कौन तुम्हे आगे ले जायेगा ? कौन तुम्हारे कल्याण की भाषा करेगा ?

डूब मरो !!


मँनमार भी गया ,

श्रीलंका भी गया ,

तिब्बत भी गया ,

इराण गया ,

इराक गया ,

अफगाणिस्तान गया ,

पाकिस्तान गया ,

बांगलादेश भी गया !

और आज भी , " अंदर भी " ,

और भी भयंकर होता जा रहा है ! भयंकर कुछ हो रहा है !

भयंकर तेज गती से !

संपूर्ण विनाश , तबाही ,बरबादी की ओर हम तेजीसे बढ रहे है !


और आज भी , इतनी भयंकर विपदाओं में भी ,इतनी भयंकर मुसिबतों में भी ? इतनी भयंकर क्षती होने के बाद भी ?

हम एक नहीं हो रहे है ?

कंधे से कंधा मिलाकर ,

नही लड रहे है ?


विषम और विपरीत परिस्थितीयों में भी हम एक दूसरे का गला घोटने की सोच रहे है ??


आश्चर्य ही आश्चर्य है सबकुछ !?


हम इस्त्रायल जैसे कब बनेंगे ???


जय श्रीकृष्ण

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