ईश्वर की हम संतान !
ईश्वर को क्या माँगोगे ?
✍️ लेखांक : - २३६५
विनोदकुमार महाजन
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ईश्वर को कभी कुछ भी मत मांगीए !
मांगना ही है तो ईश्वर का शुध्द प्रेम मांगीए !
वैसे तो ईश्वर को कुछ मांगने की जरूरत ही नहीं होती है !
क्योंकि उस ईश्वर की हम सभी संतानें है !
इसिलिए ईश्वर भी उसके सभी संतानों पर हमेशा निरपेक्ष प्रेम ही करता है !
तो उसे मांगने की ही क्या जरूरत है ?
जैसे हमारे मातापिता का हम सभीपर हमेशा निरपेक्ष प्रेम होता है ! और बिना मांगे ही माँबाप हमें सबकुछ दे देते है ,
ठीक इसी प्रकार का ईश्वर का दिव्य प्रेम ही हमपर निरंतर रहता है !
जैसे एक सुर्य है और उसकी अनेक किरणे होती है , ठीक इसी प्रकार से , ईश्वरी चैतन्य शक्ती एक ही है ! और उसके किरणों जैसी हम सभी सजीव उसकी संताने !
इसिलिए हर पशुपक्षीयों में ,हर सजीवों में उसका ही अंश होता है ! और अगर हम उसका ही अंश है तो वह परम कृपालु ,निरंतर दयालु ,प्रभु परमात्मा हमारी निरंतर चींता करेगा ही ना ?
हमारी पवित्र आत्मा निरंतर अनेक देह बदलते रहने पर भी वह प्रभु हमसे प्रेम करता ही है !
तो व्यर्थ की चिंता क्यों और किसिलिए ?
जो तुम्हें चाहिए वह सबकुछ वह ईश्वर तो तुम्हें देगा ही ना ?
और हाँ , अगर ईश्वर के लिए कुछ मांगना ही है तो कभी खुद के लिए मत माँगो !
मांगना ही है तो उसे दूसरों का सुख माँगो !
हिंदुराष्ट्र माँगो !
अखंड भारत माँगो !!
हिंदुमय विश्व माँगो !!!
सत्य सनातन धर्म की अखंड जीत माँगो !
वह तुम्हें जरूर एकदिन सबकुछ दे देगा !
हरी ओम्
जय श्रीकृष्ण
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