इस्त्राएल
इस्त्राएल समस्या का अंतिम हल क्या है ???
✍️ लेखांक : - २३६९
विनोदकुमार महाजन
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आज के लेख में एक भयावह वैश्विक समस्या के बारें में विस्तार से लेखन का प्रयास !
संपूर्ण धरती पर आज एक अतीभयावह , विनाशकारी धार्मिक उन्माद दिखाई दे रहा है !
आतंकवाद की भयावह समस्या लगभग संपूर्ण विश्व को तेजीसे घेरे में ले रही है !
राष्ट्रिय संपत्ति की भयंकर हानी , अमानवीय कृतियों द्वारा , सुसंस्कृत समाज मन पर भयंकर हमले करके , सभी मानवतावादी समुह को त्राहि त्राहि कर देना , यही एकमेव उद्दीष्ट ऐसे उन्माद का और उन्मादियों का होता है !
ऐसी भयभीत करनेवाली समस्याओं से त्रस्त कोई एक देश ही नहीं है ,बल्कि संपूर्ण विश्व मानव तो भयभीत और त्रस्त तो है ही , इसके सिवाय संपूर्ण सजीव भी मुसिबतों में है ! संपूर्ण सृष्टीसंतुलन भी खतरे में पड रहा है !
ऐसी तेजी से बढती भयंकर उन्मादी और विनाशकारी समस्या का उत्तर और हल संपूर्ण विश्व मानव को एक होकर , जितना जल्दी हो सके ,निकालना ही पडेगा !
तभी मानवता ,सभ्यता ,संस्कृति ,
शालीनता , ईश्वरी सिध्दांत बचेंगे ! कुदरत के कानून बचेंगे !
सजीव बचेंगे !
इस समस्या से केवल इस्त्राएल ही पिडित है ऐसा नहीं है !
भारत भी पिडित है , यु.के.यु.एस.से लेकर जपान , रशिया जैसे अनेक देश पिडित है !
इसिलिए आतंकवाद से पिडित सभी देशों को अब तेज गति से एक होना होगा और सख्त और ठोस कदम उठाने ही पडेंगे !
इसी विषयानुसार भारत की ओर विशेषता मोदिजी की ओर संपूर्ण विश्वमानव तथा पिडित देशों के सभी मानवीसमुह तथा राष्ट्रप्रमुख भी , बहुत आशापूर्ण नजरों से देख रहे है !
मोदी नाम का आसमान में चमकता हुवा सितारा इस विषय पर तुरंत और ठोस निर्णय लेकर , संपूर्ण विश्व को एक करके ,इस जालिम समस्या का अंतिम इलाज तथा ठोस हल निकालेगा , ऐसी आशा सभी देशों को है !
इसिलिए इस्त्राएल के नेतान्याहू हो अथवा रशिया के पुतीन हो अथवा अमरीका के जूयो बाईडन हो अथवा अन्य किसी देश का प्रमुख हो , मोदिजी की ओर बहुत आशापूर्ण नजरों से देख रहे है !
और मोदिजी ने भी , इस्त्राएल का संपूर्ण समर्थन करके , अपने इरादे स्पष्ट और साफ किए ही है !
अब इससे अगला कदम यह होना चाहिए की , पिडित देशों को एक होकर ,आतंकवाद जैसी भयावह और विनाशकारी वैश्विक समस्या का हल सभी को एकसाथ मिलकर और वज्रमुठ बनाकर निकालना ही पडेगा !
सभी को मिलकर ,इस बढती समस्या पर और प्रकोप पर ,एक निर्णायक और शक्तिशालीअंतिम प्रहार तो करना ही होगा !
और यही समय है ,ऐसी भयभीत करनेवाली भयावह समस्या को कुचलने का , नेस्तनाबूद करने का , तबाह करने का , सदा के लिए सरदर्द समाप्त करने का ,सभी को मिलकर ,एकसाथ वज्रमुठ बनाकर , इस जड को सदा के लिए ,उखाडकर फेकना ही होगा !
भविष्य उसी दिशा की ओर ही जा रहा है ! ऐसा होना भी तय है !
और सृष्टिरचियेता ईश्वर की भी अंतिम इच्छा भी शायद यही है !
क्योंकि जब अतिरेक बढता है तो , खुद ईश्वर ही , विविध माध्यमों द्वारा , उसीमें हस्तक्षेप करके , उस अतिरेक का , उस उन्मादी आतताइयों का , सदा के लिए सर्वनाश और संहार कर ही देता है !
ईश्वरी इच्छा को आखिर कौन टाल भी सकता है ? और कौन रोक सकता भी है ??
यह तो अटल सत्य है !!
।। प्रभुइच्छा बलीर्यसी ।।
हरी ओम्
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