घुसपैठियों का मतदान ?

 घुसपैठियों का मतदान कैसे रोकेंगे ??

✍️ लेखांक : - २३६८


विनोदकुमार महाजन


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आज के लेख का विषय अत्यंत महत्वपूर्ण भी है ! और भारत का भविष्य बदलने के लिए तथा भारत के भाग्य के लिए , इस लेख में विस्तार से विश्लेषण करने का प्रयास किया गया है !


अनेक भविष्यवाणीयाँ तथा जनमत चाचणीयाँ आगामी लोकसभा चुनाव में बिजेपी की जीत जरूर बता सकती है !

मगर वास्तविकता का यथार्थ विश्लेषण करके भविष्यकालीन जीत को यशस्वी और शक्तिशाली रणनीतियों द्वारा , प्रत्यक्ष अमल में लाया जायेगा तो , निश्चित ही विजय पताका प्राप्त होगी !


इसी विषय पर कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार करते है !


१ ) मतदान के समय में , सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न यह है की ,

अनेक मतदाता मतदान के लिए ,निरूत्साहित रहते है !

मतदान के दिन में ,छुट्टियां मनाने के लिए बाहर जाना ,पिकनिक मनाना यह बातें जिवीत लोकतंत्र के लिए , घातक साबित हो सकती है ! अथवा परिणाम स्वरूप , विपरीत सरकार स्थापित होती है , जिससे राष्ट्रविघातक शक्तियों को बल मिलता है !


२ ) मतदान के दिन मतदान के लिए , मतदान का समय समाप्त होने के नजदीक समय में घर से बाहर निकलना !

मतलब ? मतदान प्रक्रिया में बाधक साबित होना ! 

और इसका असर मतदान के प्रतिशत पर गहराई से पडता है !

विशेषता राष्ट्रप्रेमियों की मतदान के लिए , उदासीनता !


३ ) गलतफहमीयों में बहकर राष्ट्र प्रेमी पार्टियों के खिलाफ जाकर , नोटा का प्रयोग करने के लिए बाध्य करना !

इसके असर को भी गौर से देखना होगा !


४ ) फ्री के लालच के चक्कर में फँसकर , राष्ट्रविघातक शक्तियों को मतदान प्रक्रिया में बल देना !


उपर के ४ मुद्दों का सुयोग्य नियोजन द्वारा ,सरकार और सामाजिक संघटनों द्वारा प्रभावी हल ढूंडा जा सकता है !

इसके लिए निचे से उपर तक प्रभावी योजनाओं का प्रयोग करके , राष्ट्रप्रेमियों का मतदान का प्रतिशत बढाना अत्यावश्यक मुद्दा है ! और इसके लिए प्रभावी रणनीतियों के अनुसार, शक्तिशाली टिमवर्क की अत्यावश्यकता होती है !

पिछले उत्तर प्रदेश चुनाव का उदाहरण इसके लिए ताजा है !


अब और भी महत्वपूर्ण मुद्दों पर विशेष ध्यान देना होगा !


५ ) घुसपैठियों की संख्या देश में तेज गती से , जानबूझकर बढाई जा रही है ! और उनके बोगस मतदान आय.डी.बनाकर ,मतदान प्रक्रिया बाधित करने की और लोकतंत्र को बाधक बनाने की प्रक्रिया भी भविष्य में तेज हो सकती है ! विशेषता एक मतादाता अनेक जगहों से मतदान ना करें ,इसके लिए ,प्रभावी उपाययोजना करना !

इसीसे ही कुछ असामाजिक तत्वों और राष्ट्रविघातक शक्तियों को ,मतदान प्रक्रिया में, बल मिलने की संभावना बढती है !

इसीलिए घुसपैठियों को मतदान को रोकने के लिए ,प्रभावी शासकीय यंत्रणा सक्रीय करनी ही पडेगी !

आज के तौर पर शायद इसी पर कोई प्रभावी उपाय सामने नजर नहीं आ रहा है !

पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव का उदाहरण यही दर्शाता है ! उसी समय में ,राष्ट्रप्रेमी शक्तियों की जीत लगभग तय दिखाई दे रही थी !

मगर उस समय में , सबकुछ उल्टापुल्टा हो गया ! मतलब साफ है ! ?

घुसपैठियों का प्रभावित करनेवाला मतदान !

या लोकतंत्र के लिए घातक साबित होनेवाली , समांतर मतदान प्रणाली का निर्माण !


अगर भविष्यकालीन लोकसभा चुनाव के लिए भी ठीक ऐसा ही तरीका अपनाया जायेगा तो , बहुत मुश्किलों का सामना करना पड सकता है !

दिल्ली ,पश्चिम बंगाल ,कर्नाटक ,छत्तीसगढ़ , राजस्थान ,

महाराष्ट्र जैसे अनेक प्रदेशों में ऐसी घटनाओं की संभावना जादा बढ सकती है ! जिसका लोकसभा चुनाव नतीजों पर , गहराई से प्रभाव पड सकता है !


६ ) यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा चुनाव प्रक्रिया में प्रभावी साबित हो सकता है ! जो पहले से ही प्रभावी योजनाओं के अनुसार तय है !

विरोधियों को मतदान करने वाले सभी के सभी , सौ प्रतिशत मतदाता ,मतदान प्रक्रिया में ,लंबी लंबी कतारें लगाकर ,बढचढकर मतदान प्रक्रिया में सहभागी होते है !


नो आलस , नो छुट्टी , नो पिकनिक , नो गलती !

केवल और केवल मतदान !

सौ प्रतिशत मतदान !!


और राष्ट्रप्रेमी पार्टीयों को मतदान करने वाले मतदाता ?

निरूत्साही , आलसी , आपसी कलह - झगडा - मतभेद में उत्साही , राष्ट्रप्रेम के प्रति उदासीनता !

निश्चित रूप से इन सभी मुद्दों का असर ,चुनाव प्रक्रिया में होता ही है ! और परिणाम ??

राष्ट्रप्रेमियों की हार अथवा मतदान का प्रतिशत घटना ?

अथवा बहुत ही कम अंतर वाली , १०० - २०० के फर्कवाली जीत ? 

इतनी प्रभावी और जी तोड़ मेहनत करने के बाद भी ऐसा होता है , बारबार ऐसा होता है तो ? निश्चित रूप से लोकतंत्र खतरे में ही रहेगा ! 

और परिणाम स्वरूप विघातक शक्तियों के हाथों में सत्तास्थान जाकर , देश की बरबादी का नंगानाच खुले आँखों से देखना पडेगा !


ऐसा कदापि नहीं होना चाहिए ,इसके लिए ,

अभी से...

अखंड सावधान रहकर ,एकेक कदम फुंकफुंककर चलना चाहिए !

बेसावधपण हमेशा सर्वनाश कर देता है !


७ ) मतदान सुची में सभी के नाम तेज गती से दर्ज करना , सभी को वोटर आय.डी.कार्ड दे देना , और आधार लींक करना , इसके लिए प्रभावी यंत्रणा का प्रयोग करना भी अत्यावश्यक है ! कोई सेवाभावी सामाजिक कार्यकर्ताओं की टीम इसके लिए ,बहुत कुछ कार्य तेज गति से कर सकती है !


८ ) बाहर गांव में नोकरी ,कामधंधे के लिए जानेवाले मगर मतदान में सहभाग नहीं लेनेवालों के भी मतदान प्रक्रिया पर गहरे असर पडते है ! और मतदान का प्रतिशत कम होता है !

इसका उदाहरण : - दिल्ली में काम करता है , और तमीलनाडू में मतदाता सूची में नाम है तो ?

उसके लिए मतदान प्रक्रिया में सहभागी होना कैसे संभव होगा ? इसके लिए , आँनलाइन मतदान प्रक्रिया की ही सख्त जरूरत होगी !

आज की घडी में यह कार्य जटिल जरूर है ! मगर असंभव नहीं है ! विज्ञान और नेटवर्किंग इतनी तेज हो रही है की , शायद असंभव कुछ भी नहीं लग रहा है ! 


आँनलाईन मनी ट्रांजेक्शन यह इसका बेमिसाल उदाहरण है ! कँशलेस ट्रांजेक्शन की यह एक अद्वितीय क्रांति है !

मोदिजी ने इस क्रांति अभियान को जबरदस्त तेज गती भी दी है ! 


ठीक इसी प्रकार से ,चुनावी प्रक्रिया में भी इसका उपयोग होना अत्यंत जरूरी है !


९ ) सौ प्रतिशत राष्ट्रप्रेमियों को मतदान के लिए , समाज जागृती अभियान तेज करना होगा !


एक जागृत तथा प्रखर राष्ट्रप्रेमी पत्रकार के नाते से , मैंने ऐसे सभी महत्वपूर्ण मुद्दों को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया है !

सरकार इसपर गंभीरता पूर्वक विचार करेगी और मतदान प्रक्रिया में तेजी लाकर ,लोकतंत्र जिवीत रखने के लिए तथा राष्ट्रप्रेमियों की जीत के लिए ,जरूर प्रयास करेगी , ऐसी आशा करता हूं !


जय श्रीराम !

हरी ओम्


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