अखंड हिंदुराष्ट्र।

 अखंड हिंदुराष्ट्र।


खंड खंड कर दिया सैतानों ने,

मेरे अखंड हिंदुस्थान को।

जंबुद्वीप को तोड दिया,

अनेक आक्रमणकारीयों ने।

सत्ता, संपत्ती के लालच में आकर,

घात किया अनेक गद्दार जयचंदो ने।



आपसी कलह के कारण से ,

वर्षों पहले परतंत्र हुआ था,

मेरा हिंदोस्ताँ।

पन्द्रह अगस्त सन् सैंतालीस,

को अपना देश स्वतंत्र हुआ।


उन वीरों को हम नमन करें,

जिनने अपना बलिदान दिया।

निज प्राणों की परवाह न कर,

भारत को नया नाम दिया।


उन माताओं को याद करें,

जिनने अपने प्रिय लाल दिए।

मस्तक माँ का ऊंचा करने,

को उनने बड़े कमाल किए।

सावरकर, सुभाष, तात्या टोपे,

आजाद, भगत सिंह दीवाने।

सर पर कफन बांधकर चलते थे,

आजादी के यह परवाने।


देश आजाद कराने को जब,

पहना केसरिया बाना।

तिलक लगा बहनें बोली,

भैया, विजयी होकर आना।


माताएं बोल रही बेटा,

बनकर सिंह, कूदना तुम रण में।

साहस व शौर्य-पराक्रम से,

मार भगाना आक्रमणकारी,

लुटेरों को क्षणभर में।


दुश्मन को धूल चटा करके,

वीरों ने ध्वज फहराया था।

जांबाजी से पा विजयश्री,

भारत आजाद कराया था।


स्वर्णिम इतिहास लिए आया,

यह गौरवशाली दिवस आज।

श्रद्धा से नमन कर रहा है,

भारत का यह सारा समाज।


जय हिन्द हमारे वीरों का,

सबसे सशक्त शुभ मंत्र हुआ।

पन्द्रह अगस्त सन् सैंतालीस,

को अपना देश स्वतंत्र हुआ।


जय हिंद जय हिंद का नारा,

गुंजेगा अब पूरे गगन में।

तिरंगे की भी शान बढायेंगे,

सारी सारी दुनिया में।


केसरिया भी लहरेगा पूरे गगन में शान से।

भगवान का भगवा भी लहरेगा आसमान में आन बान से।


जंबुद्वीप में भी होगा नारा,

अखंड हिंदुस्थान का।

विश्व विजेता हिंदु धर्म का,

आवाज रहेगा संपूर्ण हिंदुस्थान का।


जयतु हिंदुराष्ट्र।


हरी ओम् ।


विनोदकुमार महाजन।

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