चाणक्य निती।

 चाणक्य की तरह,

विश्व विजता हिंदु धर्म,

परिवार में परखकर ही हर एक को जोडा जाता है।

🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩


*एक बार चाणक्य का एक परिचित उनसे मिलने आया और बोला - क्या तुम जानते हो कि  "मैंने तुम्हारे मित्र के बारे में क्या सुना है?"*


*चाणक्य ने उसे टोकते हुए कहा - "एक मिनट रुको।"* 

*इसके पहले कि तुम मुझे मेरे मित्र के बारे में कुछ बताओ, उसके पहले मैं*

 *तीन छन्नी परीक्षण* करना चाहता हूं।


मित्र ने कहा *"तीन छन्नी परीक्षण?"*


चाणक्य ने कहा - *"जी हां मैं इसे तीन छन्नी परीक्षण इसलिए कहता हूं क्योंकि जो भी बात आप मुझसे कहेंगे, उसे तीन छन्नी से गुजारने के बाद ही कहें।"*


*"पहली छन्नी है "सत्य "।* 

*क्या आप यह विश्वासपूर्वक कह सकते हैं कि जो बात आप मुझसे कहने जा रहे हैं, वह पूर्ण सत्य है?"*


"व्यक्ति ने उत्तर दिया - *"जी नहीं,* *दरअसल वह बात मैंने अभी-अभी सुनी है।"*


चाणक्य बोले - *"तो तुम्हें इस बारे में ठीक से कुछ नहीं पता है। "*


"आओ अब *दूसरी छन्नी लगाकर देखते हैं।*


*दूसरी छन्नी है "भलाई "।*


*क्या तुम मुझसे मेरे मित्र के बारे में कोई अच्छी बात कहने जा रहे हो?"*


"जी नहीं, बल्कि मैं तो...... "


*"तो तुम मुझे कोई बुरी बात बताने जा रहे थे लेकिन तुम्हें यह भी नहीं मालूम है कि यह बात सत्य है या नहीं।"- चाणक्य बोले।*


*"तुम एक और परीक्षण से गुजर सकते हो।*


 *तीसरी छन्नी है"उपयोगिता "।* 


*क्या वह बात जो तुम मुझे बताने जा रहे हो, मेरे लिए उपयोगी है?"*


"शायद नहीं..."


*यह सुनकर चाणक्य ने कहा*- 


"जो बात तुम मुझे बताने जा रहे हो, न तो वह *सत्य* है, न *अच्छी* और न ही *उपयोगी*। तो फिर ऐसी बात कहने का क्या फायदा?"


*निष्कर्ष :---* 👇🏼


*"जब भी आप अपने परिचित, मित्र, सगे संबंधी के बारे में कुछ गलत बात सुने",*


*ये तीन छन्नी परीक्षण अवश्य करें,,,,,,,



🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️


विश्व विजता हिंदु धर्म,

परिवार से नाता जोडो।

जीवनभर के लिए

निश्चिंत हो जावो।


हरी ओम्


संकलन : - विनोदकुमार महाजन।

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