अखंड हिंदुस्तान बनायेंगे।

 बहुत दुख होता है आज मुझे।


बहुत दुख होता है ,

आज मुझे देखकर यह नजारा

मेरे अखंडित भारत को ,

खंड खंड कर दिया ,

सैतानों ने ।


ईश्वर की पावन भूमी पर ,

अत्याचार किया ,

हैवानों ने ।


जहाँ मंदिरों में ,

मंगल आरतीयाँ गुंजती थी ,

वह भूमी विरान बनाई ,

राक्षसों ने ।


घर घर में शुभं करोती कल्याणम्

की नितदिन,हर संध्यासमय में

प्रार्थना होती थी ,

उस पावन भूमी पर ,

मांस - मुर्गा - शराब की

पार्टीयां हो जाती है ।


यह सारा भयंकर, भयानक

नजारा देखकर

दिल में कसक सी होती है ।

आग लगा दूं हर हैवानों को

ऐसी लहर सी अंदर

दौडती है।


निरांजन जलाकर मंगल कामना

हम करते थे।

आयुष्य मान भव का आशिर्वाद

भी हमारे बुजुर्ग बडे प्यार से

देते थे ।


मन मन में ममता ,प्यार का

वात्सल्य का बहुत सुंदर

नजारा था।

एक समय था जब मेरा

अखंड हिंदुराष्ट्र था।


सभी जातीपाती बडे प्यार से

इस धरती पर हर्षोल्लास से

रहती थी ।

सुखदुःख बडे प्यार से

आपस में बाँट लेती थी ।


अब घर घर में कलह का

माहौल बनता जा रहा है।

हर इंन्सान पैसों कै लालच में

आकर अपना क्रौर्य बढा रहा है।


रिश्तेनाते टूट रहे है 

राक्षसप्रेमी बढ रहे है।

घर घर में पैसों के लिए

झगडा बढता जा रहा है ।


कलियुग का भयंकर माहौल

सत्य को बदनाम कर रहा है।

और सत्य आज

जलती अग्नी में

तडप तडप कर मर रहा है ।


कब बदलेगा यह सब ?

कौन बदल सकेगा ?

तेजस्वी ईश्वर पूत्र

होकर भी हम आज सारे

परेशान है।

सत्य को असत्य यातनाएं

दे रहा है और 

सत्यवादी बदनाम है

परेशान है।


आवो उठो मेरे तेजस्वी ईश्वर पूत्रों

धरती के सारे वीरपूत्रों

हैवानियत पर अब सब मिलकर

हल्ला बोलेंगे।


खंडीत भारत को फिरसे

अखंड हिंदुराष्ट्र बनाने का

संकल्प हम बनायेंगे

संकल्प को सिध्दीयों में

बदलने के लिए

नई नितीयाँ अब हम सब मिलकर बनायेंगे।


भगवान राम और कृष्ण के

पूजक हम 

देवताओं का आदर्श आचरण में 

लायेंगे ।


हैवानियत को हरायेंगे,

ईश्वरी सिध्दातों को जितायेंगे।

 " विश्व - विजेता , हिंदु - धर्म ",

बनाने की ललकार लगायेंगे।


आज 14 अगस्त 

भारत माता के दुखद विभाजन का दिन।


स्मरण करें ....... 

विश्व के पहले विश्व विद्यालय तक्षशिला और

हिंदु शब्द की पहचान देने वाली सिंधु नदी को, 

हिंगलाज माता और माँ ढाकेश्वरी को।


महर्षि पाणिनी,भगवान झूलेलाल, राजा दाहिर सेन और वीर हकीकत राय के सिंध को, 

ननकाना साहेब, करतारपुर साहेब और भगतसिंह व लाला लाजपत राय  के लाहौर को ।


याद करें उन  लगभग 20 लाख हिंदुओं को जिनको विभाजन के गुनाहगारों ने हत्या कर दी।

आइये, 

भारत माता के विभाजन की वेदना हृदय में धारण कर इसी रूप में पुन:अखण्ड बनाने का संकल्प लें।


क्या यह संभव है  ? 


अवश्य.......... 

जब मात्र 24 वर्षों बाद 1971 में पाकिस्तान का विभाजन होकर बांग्लादेश बन सकता है ?

जब 72 वर्षों पश्चात 370 और 35A हटायी जा सकती है ?

जब 492 वर्षों के संघर्ष के पश्चात अयोध्या में श्री राम मंदिर बनाया जा सकता है ?

जब पाकिस्तान पुन:विभाजन की कगार पर बैठा है ?


तो संभव है ...!!!


लेकिन आवश्यकता है : -

नितांत आवश्यकता है : -

हिंदु समाज के संकल्प, मनोबल और आत्म विश्वास की ।


हर एक का आत्मविश्वास बढायेंगे।

हर एक का आत्मचैतन्य जगायेंगे।

हर एक की आत्मा की आवाज

जगायेंगे।

हर एक सत्य प्रेमियों का

रोम रोम जगायेंगे।


हर एक का आत्मा हिलायेंगे,

हैवानियत की हार 

संपूर्ण धरती से करेंगे।

सत्य की जीत करके रहेंगे।

विश्व विजेता हिंदु धर्म

बनायेंगे, बनाकर रहेंगे।


मन में है विश्वास।

पूरा है विश्वास।

धरती सारी हिलायेंगे।

माता धरती को फिरसे

सुजलाम सुफलाम बनायेंगे।


अखंड हिंदुराष्ट्र बनायेंगे।

विश्व विजेता हिंदु धर्म

बनायेंगे।


हरी ओम् 🕉🕉🕉

🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩


विनोदकुमार महाजन।

Comments

Popular posts from this blog

मोदिजी को पत्र ( ४० )

हिंदुराष्ट्र

साप आणी माणूस