हिंदुओं को अब न्याय चाहिए

 हिंदुओं को अब...

न्याय चाहिए।

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बहुत अन्याय, अत्याचार किए मुगलों ने,अंग्रेजों ने हिंदुओं पर।हमारे साधुसंतोंपर,महापुरुषोंपर।और आजादी के बाद भी षड्यंत्रकारीयोंद्वारा भी।

बहुत अपमान, आघात झेले है हमारे राजे शिवाजी, महाराणा प्रताप,पृथ्वीराज चौहान,गुरु गोविंदसिंह जैसे अनेक महापुरुषों ने धर्मरक्षा के लिए, सत्य की रक्षा के लिए।

हमारी संस्कृति तबाह करने की साजिश रचनेवाले, हमारे मंदिरों को गिराने वालों ने यहाँ पर अती भयंकर अत्याचार किये है हमपर।

और हम....?

दयालु, सहिष्णु, परोपकारी होकर,बांग्लादेश, पाकिस्तान का तुकडा हमारे भाईयों को देकर भी----

हम हमारे भाईयों पर आज भी पवित्र प्रेम करते रहे।और वो...?

हमें हमारा पूजनीय, वंदनीय रामजी का मंदिर उनकी-खुदकी जन्मभूमि पर ...निर्माण करने के लिए सहायता न कर सके....।

क्यों.....???

हम बहुसंख्यक होकर भी उनको जादा अधिकार देते रहे।

इतना ही नहीं, हमारा भाई समझकर हम उनको सरपर लेकर आजतक नाचते रहे।

हमारे साथ छल होने के बाद भी हम उनसे सच्चा प्यार करते रहे।

वास्तव है ना...?

तो....

वो....

हमें हमारा अधिकार देने के लिए, मंदिर निर्माण के लिए, राष्ट्रनिर्माण के लिए हमारी सहायता करने आगे क्यों नही आते?

हम जीतना उनसे प्रेम करतेहै,उतना दिल खोलकर हमसे प्यार क्यों नही करते ?

अगर अब ऐसा नहीं होगा।

हमारे हितों के लिए, हिंदु हितों के लिए, मंदिर निर्माण के लिए, राष्ट्रनिर्माण के लिए अब हम संघर्ष करेंगे।

इसके लिए हमें अब तलाश है ईश्वरी गुणसंपन्न महात्मा कि जो सख्ती से हमें न्याय दे सके।

यहाँ का अराजक कठोर कानून बनाकर समाप्त कर सके।

और सभी जाती,पथ,पंथ,धर्म को भी सक्ती से समान न्याय दे सके।

समय के अनुसार वह कठोर तानाशाह भी हमें चलेगा जो सख्ती से राम मंदिर का निर्माण कर सके।जो धारा 370 हटा सके।जो सभी जातीयों के लिए समान न्याय व्यवस्था निर्माण कर सके।

जो देश कि स्थिति को सख्ती से निपटा सके,गुनहगारों को,राष्ट्रद्रहीयों को तुरंत कडी से कडी सजा दे सके।

हमें इंतजार है ऐसे महापुरुष का।जो देश को सख्ती से बदल सके।

नौटंकी बाजों का नाटक अब बस हुवा।अब हिंदुओं को न्याय चाहिए न्याय।तुरंत न्याय।

जो भी बहुसंख्यक हिंदु हितों का विचार करेगा,कार्य करेगा, वही हमारा महापुरुष होगा।

हरी ओम।

---------------------------------  विनोदकुमार महाजन।

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