तोड निकालो
महाठगबंधन की तोड निकालो।
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कैराना लोकसभा उपचुनाव ठगबंधन ने जीत लिया।अब इसकी तोड हमें निकालनी होगी।
सबसे पहले ठगबंधन के बारे में सोचते है।
(1)मतविभाजन द्वारा संभाव्य हार पर उन्होने थोडा बहुत उपाय किया है।
(2)मतदाताओं में संभ्रम फैलाकर नोटा का जादा फायदा करने की कोशिश कि गई है।
(3)हिंदुओं में जातपात के नामपर फुट डालकर मतदाताओं को अपनी ओर आकृष्ट करने का बखूबी से प्रयत्न हो गया है।
(4)बिकाऊ मिडिया को लोगों में जादा से जादा संभ्रम फैलाने कि पुरजोर कोशिश कि गई है।
(5)आगे चलकर और भी अनेक षड्यंत्र किये जा सकते है।
इसपर तोड क्या है...?
(1)समाज में संभ्रम फैलाने वाले शक्तीयों पर नजर रखकर उनपर समय समय पर योग्य कानूनी कारवाई करना।
(2)भ्रष्टाचारी, अपराधियों पर तुरंत कडी कारवाई करना।
(3)संभ्रम में आकर नोटा कि ओर आकृष्ट होनेवालों को समय समय पर सही मार्गदर्शन करना।और उनकी निगेटिव मानसिकता को पोझिटिव में बदल देना।
(4)हिंदुधर्म में जातिपाति में निरंतर सलोखा बढाये रखना।आपस में संभ्रम फैलाने वालों से दूर रहने को कहना।
(5)जुग्गी झोपडी में,देहात में,गाँव शहर में लोगों के प्रती विश्वासार्हता निर्माण करना।
(6)उनकी विश्वासार्हता मतपेटियों तक पहुंचाना।
(7)इस कार्य के लिए प्रचंड शक्तीशाली कार्यकर्ताओं की फौज खडी करना।उन्हे बारबार मार्गदर्शन करना।उनके संपर्क में सदैव रहना।और हर समय में उनसे रिपोर्ट कार्ड लेना।
(8) हमारे पास अनेक जागृत कार्यकर्ताओं की फौज पहले से ही मौजूद है।
(9)ऐसी जागृत"संघशक्ति",द्वारा देश में इतिहास रचने कि अभी से,और आज से शुरुआत करना।
तो.....???
निश्चित रुप से चारसौ पार।
(10)मृतप्राय समाज को बारबार नवसंजीवनी देकर उनको सत्य के प्रती जागरूकता लाना।अनेक प्रभावी वक्तों द्वारा,तेजस्वी-ओजस्वी भाषणों द्वारा लोगों में चैतन्य की लहर पैदा करना।(सबसे शक्तीशाली माध्यम)।
फिर चाहे ठगबंधन हो या महाठगबंधन हो जीत तो पक्की है।
हरी ओम।
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-- विनोदकुमार महाजन।
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