धर्म पुनर्स्थापना

 कठोर परिश्रम द्वारा हम

खुद का प्रारब्ध भी बदल

सकते है

मगर एक बात पक्की

याद रखना दोस्तों


दिव्य प्रेम करनेपर भी

हम दुर्जनों का ह्रदय कभी भी

नही बदल सकते


इसिलिए खुद भगवान श्रीकृष्ण

को भी कँस,दुर्योधन के साथ

धर्म युध्द करके उन्हें

मृत्यु दंड ही देना पडा


क्योंकि दुष्ट दुरात्माओं को

प्रेम की भाषा समझेगी

ऐसी गलतफहमी में कभी भी

मत रहना दोस्तों


खुद भगवान श्रीकृष्ण भी

दुर्जनों का ह्रदयपरिवर्तन

नही कर सके

भगवान होकर भी तो....

हम दुर्जनों का ह्रदय परिवर्तन

कैसे कर सकते है ?


संपूर्ण पृथ्वी से आसुरीक 

संपत्ति का सर्वनाश यही 

एकमेव उपाय है

धर्म राज्य पुनर्स्थापना का


हरी ओम्


विनोदकुमार महाजन

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