भगवत् गीता का महत्त्व

 मेरे सनातनी हिंदु भाईयों,

हम सब कब जागेंगे ?

हमारे आराध्य दैवत भगवान श्रीकृष्ण की निती में और उन्हीके भगवत् गीता में कितनी शक्ती है यह आप ही निचे की जानकारी पढकर बताईये।


मेरे प्यारे भाईयों,

हमारी संस्कृती, सभ्यता,संस्कार, शालीनता इतनी श्रेष्ठ होनेपर भी हम....


निरांजन में दिये जलाकर आयुष्मान भव....


का आशिर्वाद देने के बजाए...

जनमदिन पर दिये बुझाने की संस्कृती के पिछे अंधविश्वास से क्यों भाग रहे हो भाईयों ?


हमने सायंसमय की शुभंकरोती भी छोड दी।हमने त्रीकाल संध्या भी छोड दी।


हमारे देवीदेवताओं के मजाक उडाये जा रहे है,राम को शपथपत्र पर काल्पनिक बताया जा रहा है।


फिर भी हम इतने निद्रीस्त क्यों है भाईयों ?

बताईये ?

ऐसी भयंकर धर्म ग्लानी देखकर मुझे भयंकर आत्मक्लेश होते है।


हमारा अध:पतन ही हमारी हानी का कारण बनता जा रहा है।


मेरे प्यारे सभी तेजस्वी ईश्वर पूत्रों,वीरपूत्रों हमारा अंदर का ईश्वरी तेज जगावो।


धर्म हानी तथा धर्म ग्लानी को समाप्त करने के लिए,

शक्तिशाली वज्रमूठ बनाकर अधर्म पर प्रहार करो।यही एकमात्र बचने का उपाय बचा है।


हरी ओम्


विनोदकुमार महाजन


अब....👇यह भी पढ लो।


*जिस आदमी ने श्रीमदभगवद गीता का पहला उर्दू अनुवाद किया वो था मोहम्मद मेहरुल्लाह! बाद में उसने सनातन धर्म अपना लिया!*


*पहला व्यक्ति जिसने श्रीमदभागवद गीता का अरबी अनुवाद किया वो एक फिलिस्तीनी था अल फतेह कमांडो नाम का! जिसने बाद में जर्मनी में इस्कॉन जॉइन किया और अब हिंदुत्व में है!*


*पहला व्यक्ति जिसने इंग्लिश अनुवाद किया उसका नाम चार्ल्स विलिक्नोस था! उसने भी बाद में हिन्दू धर्म अपना लिया उसका तो ये तक कहना था कि दुनिया मे केवल हिंदुत्व बचेगा!*


*हिब्रू में अनुवाद करने वाला व्यक्ति Bezashition le fanah नाम का इसरायली था जिसने बाद में हिंदुत्व अपना लिया था भारत मे आकर!*


*पहला व्यक्ति जिसने रूसी भाषा मे अनुवाद किया उसका नाम था नोविकोव जो बाद में भगवान कृष्ण का भक्त बन गया था!**


*आज तक 283 बुद्धिमानों ने श्रीमद भगवद गीता का अनुवाद किया है अलग अलग भाषाओं में जिनमें से 58 बंगाली, 44 अंग्रेजी, 12 जर्मन, 4 रूसी, 4 फ्रेंच, 13 स्पेनिश, 5 अरबी, 3 उर्दू और अन्य कई भाषाएं थी ओर इन सब मे दिलचस्प बात यह है कि इन सभी ने बाद मैं हिन्दू धर्म को अपना लिया था।*


*जिस व्यक्ति ने कुरान को बंगाली में अनुवाद किया उसका नाम गिरीश चंद्र सेन था! लेकिन वो इस्लाम मे नहीं गया शायद इसलिए कि वो इस अनुवाद करने से पहले श्रीमद भागवद गीता को भी पढ़ चुके थे !*


*ये है सनातन धर्म और इसके धार्मिक ग्रंथों की ताकत।*


*और हम हिन्दू इन्हें ख़ुद ही नही पढ़ते है, है ना अजीब विडम्बना ??*

    

                *"सत्यमेव जयते"*

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