ब्रम्हशक्ति

 संपूर्ण ब्रम्हांड में तेहतीस कोटी देवताओं का और ब्रम्हशक्ति का निरंतर वास है 

वह सारी शक्तियाँ मेरे अंदर

और सभी सजीवों में निरंतर

व्याप्त है और मैं उन सभी

शक्तियों में निरंतर व्याप्त हूं !

पंचमहाभूतों का यह देह तो

केवल एक निमित्त मात्र है !

जय श्रीकृष्ण !!


विनोदकुमार महाजन

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