नवसमाज

 नवराष्ट्र की ओर....

✍️ २५८१

🌞🌞🌞🌞🌞


संपूर्ण देश को गुमराह करके

केवल एक मत के आधार पर , प्रधानमंत्री बनकर , रात के अंधेरे में बनाया गया , ईश्वरीय शक्तियों को दबाने वाला और आसुरीक शक्तियों को निरंतर बढावा देने वाला यह फर्जी लोकतंत्र हमें बिल्कुल भी अस्वीकार्य है ! 


चलो क्रांति की ओर !!

चलो तेजस्वी समाज की ओर !!


चलो सबको सुखी , संपन्न ,

आनंदी , ऐश्वर्यसंपन्न , सुसंस्कृत , मानवताप्रेमी 

बनाने वाले नये लोकतंत्र की ओर ! 


चलो नवसमाज की ओर !! 

चलो नवराष्ट्र की ओर !!


जय हिंद !! वंदेमातरम् !!

🌞🌞🌞🌞🌞


विनोदकुमार महाजन

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