भक्ती

 जहाँ सच्ची भक्ती , श्रध्दा

विश्वास , प्रेम होता है

उसी घर में ईश्वर निरंतर

वास करता रहता है और

इसकी दिव्य अनुभूती भी

हमें निरंतर मिलती है !


विनोदकुमार महाजन

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