पाकिस्तान में ??

 पाकिस्तान में जैसी ???

✍️ २२९५


विनोदकुमार महाजन

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पाकिस्तान में ?

ना मंदिर बचे है , ना मठ बचे है !

ना मंगलआरती की धून , ना पवित मंत्रोच्चार !

ना सुमधूर सुगम संगीत बचा है , ना ईश्वरी चिंतन ,मनन !


सबकुछ... भकास,उदास ,भयानक !

सबकुछ जमीनदोस्त हो गया !


बांग्लादेश,अफगाणिस्तान जैसे अनेक भू प्रदेशों में भी !

जी हाँ !

कौन जीम्मेदार ??


और अब बचेखुचे हिंदुस्थान में भी ??

फिरसे पवित्र भारतभूमी को ,यहाँ के संस्कार ,सिध्दांतों को  ...जमीनदोस्त बनाने की तैयारी !

दिनरात !

भयंकर षड्यंत्रों द्वारा !


और हम ??

निद्रीस्त ,बेफिकीर ,संवेदनशून्य !

मरे हुए मन से जीनेवाले !

और पैसा और पैसों से मिलनेवाले सभी सुखों को हासिल करने के लिए , दिनरात व्यस्त !


हुश्श....$$$


ना भविष्य की चिंता है !

ना मंदिर ,मठ फिरसे जमीनदोस्त होने की चिंता है !

और अगर समय हाथ से निकाल भी गया ? तो ?

फिरसे भागने की तैयारी ! सबकुछ छोडकर !

दिनरात मेहनत करके कमाया हुवा धन ,दौलत ,वैभव सबकुछ छोडकर भागने की तैयारी !

कश्मीर की तरह !


भागो ! भागते रहो !

नामर्दों की तरह !

तेजोहीन समाज !

धधगता ईश्वरी तेज ही समाप्त हो गया है तो क्या करें ?


और हमारे जैसे कुछ चंद जागृत लोग ,व्यक्ती ,समुह ,समाजहितकारी,विविध माध्यमों से संपूर्ण समाज को दिनरात,भूका प्यासा रहकर,जगाने की कोशिश करेंगे तो ?

हमें ही उल्टी डाँट !?

हमारे ही लोगों द्वारा !?

और उपर से तत्वज्ञान के बडे बडे डोस !?

हमें !?

हमारे साथ उल्टीसुल्टी बात और तानें !?

हमारे ही लोगों द्वारा !?


गजब का न्याय है यार यहाँ का तो ! जो बचाने को आयेगा ,उसे ही जमीन में गाड देंगे ??

धन्य हो ! धन्य हो !


तो आखिर कौन बचायेगा ऐसे नतदृष्टों को ??

बताओ ना ?

कौन बचायेगा ??


क्या पाकिस्तान में भी हमारे जैसे समाज जागृती अभियान दिनरात चलाने वाले नहीं थे , उस समय में ?

उनकी किसने सुनी ?


और परिणाम ??

सबकुछ तबाह ! सबकुछ बरबाद !


और आज फिरसे यहाँ ठीक पाकिस्तान जैसी ही भयावह स्थिति बनती जा रही है !?


आत्मा तडप उठती है सचमुच में , ऐसा भयावह दृष्य देखकर !

दिनरात मन बेचैन और अस्वस्थ रहता है !


भयंकर आत्मक्लेश !

व्यर्थ जन्म लिया इस पवित्र भूमी पर !


करें तो क्या करें आखिर ?

हमारे समाज का बरबादी का तमाशा खुले आँखों से दिखाई नहीं दे रहा है !

आत्मग्लानी होती है !

आत्मा तडप उठती है !

भयंकर पीडा होती है अंदर !

दिनरात की बेचैनी !

कसक होतीं है भयावह अंदर !


और भयावह बढती समस्याओं का उत्तर ? आज की घडी में ?

शायद ना के बराबर !


दिनदहाडे हिंदुओं की हत्याएं और पलायन ?


छोडो भी ना दोस्त !


लेख पढो और छोड दो !

मूर्दाड मन की तरह !

आखिर देश की चिंता हम क्यों करें ???


नामर्दो की तरह भागना ,मरना ही तय है तो ? आखिर कौन बचायेगा ?


इतना सबकुछ होने के बावजूद भी....?

खाओ ,पिओ ,मौज करो !

और सो जाओ !

बिनधास्त !


देश का पाकिस्तान बनें ,कश्मीर बनें ,पश्चिम बंगाल बनें अथवा कर्नाटक बनें !

हमें क्या लेनादेना ?


आखिर हमारे अंदर खून है ही कहाँ ??


हाँ फ्री में कुछ मिलेगा तो बता देना ! फ्री के लालच में हम हमारी आत्मा भी बेचने को तैयार है !


आखिर हमारे अंदर आत्मा भी तो है कहाँ ?

हम तो जींदा लाशे है !


भारत का पाकिस्तान बनें , मंदिर जमीनदोस्त हो अथवा मठ !

हमें क्या लेनादेना ?


छोडो भी यार !

ये फीजूल की बाते क्यों करते हो व्यर्थ में ? हमें मस्त मजें में जीने भी दो यार !?


देश गया भाड में !?


रावणराज जींदाबाद !

आसुरी साम्राज्य जींदाबाद !

हैवानियत जींदाबाद !

यही चाहिए ना आखिर ?

डूब मरो !


भयंकर धर्मग्लानी !

भयानक धर्म संकट !

अंदर बाहर से भयावह धर्म संकट !


ऐसे भयावह माहौल में ,

सच्चे ,प्रामाणिक ,नेक ,

कर्तव्यकठोर व्यक्ती ,

महात्माओं के नशीब में ,

केवल और केवल आत्मक्लेश ही नशीब में लिखे हुए है ना ??


ऐसा लगता है,

क्रूरता से यह झोटींगशाही रगडनी चाहिए !

तानाशाह बनकर !

चीन की तरह !


फिर यह देश पाकिस्तान नहीं बनेगा !?


आखिर कौन रगडेगा झोटींगशाही को ?

चीन जैसा ?


क्या नपुंसक,निष्क्रिय समाज में है इतना दम ???


कुछ तो भी बोलना पडेगा ना ?


जागो !!


अन्यथा ?

सर्वनाश अटल है !!


हरी ओम्

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