वैश्विक क्रांति के लिए !

 वैश्विक क्रांती के लिए...

✍️२२९१


विनोदकुमार महाजन


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आज संपूर्ण विश्वमानव भयंकर हाहाकार से त्रस्त है ! संपूर्ण सजीव सृष्टि भी खतरे में है ! हाहाकार की परीसीमा के कारण सृष्टिसंतुलन बिगडता जा रहा है ! संपूर्ण सृष्टिचक्र का संतुलन समाप्त होता जा रहा है !


इसका प्रमुख कारण है,चारों तरफ से आसुरिक शक्तियों ने हाहाकार, उन्माद फैलाया हुवा है !


क्या मैं सही लीख रहा हूं ना ??


पृथ्वी निवासी पवित्र सजीव,वरदायिनी, गौमाताओं का आक्रंदन और श्राप से , समस्त देवीदेवता भी शायद  चिंतीत है !


सभी सजीवों पर अनेक कारणों से भय का साया है !


उन सभी को जीने का ईश्वरी प्रादत्त अधिकार है !

उन सभी को अभय चाहिए !


मगर उनका तारणहार कोई नहीं बचा है !


अगर संपूर्ण विश्व के मानवतावादी और मानवताप्रेमी ,निसर्ग प्रेमी ,पशुपक्षी प्रेमी सभी राष्ट्र प्रमुख , एक होकर ,हाहाकारी ,हैवानियत का सदा के लिए , जमकर विरोध करेंगे,बंदोबस्त करेंगे तो ?


अथवा ?

वि×× ही करेंगे तो ?


सभी समस्याओं का हल मिल जायेगा !


ऐसे कार्यों को तो तुरंत गति मिलनी चाहिए !


इस गंभीर तथा अतीसंवेदनशील विषय में मैं ,मोदीजी ,अमित शाहजी , योगी आदित्यनाथ जी जैसे अनेक राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय मान्यवरों के साथ साथ , विश्व के सभी मानवताप्रेमी राष्ट्रप्रमुखों को चर्चा करने के लिए मिलना चाहता हूं ...


और इसी विषय पर , तुरंत हल निकालना चाहता हूं !


शायद मोदीजी ऐसे अनेक महत्वपूर्ण ईश्वरी तथा मानवतावादी वैश्विक कार्य के लिए ,मुझे आत्मा का संपूर्ण सहयोग करेंगे ऐसी आशा करता हूं !


इसी विषयानुसार मोदिजी को मैं तुरंत मिलना चाहता हूं !


नियती ,ईश्वरी सत्ता , निसर्ग समस्त मानवसमुहों को अनेक मार्गों से,खतरे की घंटा बजाकर सावधान कर रही है !


अगर ईश्वरी प्रकोप से धरती माता को बचाना है ,तो समस्त पृथ्वी निवासी ,मानवसमुह को आज ,अभी एक होकर...


" हैवानियत के विरूद्ध ,सख्त और कठोर कदम उठाने ही पडेंगे ! "


सभी राष्ट्रप्रमुखों को तुरंत एक जगह पर आकर ,ऐसे गंभीर तथा महत्वपूर्ण विषयों पर ,विस्तृत चर्चा करके ,सख्त उपाययोजनाओं को अमल में लाना ही पडेगा !


क्योंकी यह कार्य अब करना ही पडेगा ! 


अन्यथा ?

भविष्यकाल भयंकर अंध:कारमय है !

समस्त सजीव समूहों सहित धरती का अस्तित्व ही खतरे में आ रहा है !


इसिलिए संपूर्ण विनाश को रोकने के लिए, पृथ्वी निवासी समस्त मानवसमुह को एक होकर ,तुरंत हल ढूंडना ही पडेगा !


एक बार नहीं ,बल्कि सौ बार सोचो !


और भविष्य में ,संपूर्ण आसुरिक, हाहाकारी संपत्तियों के वि×× के लिए, संपूर्ण ईश्वरप्रेमीयों की

शक्ति एक होनेवाली ही है ! 

इसे कोई नही रोक सकता है !


क्योंकी यही ईश्वर की अंतीम इच्छा भी है !


हरी ओम्


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