ईश्वर को भी भगाएंगे ?

 ईश्वर को भी भगाएंगे ??

✍️ २२८५


विनोदकुमार महाजन


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हमारे जीवन में अनेक बार, हमारे ही अखंड कल्याण के लिए ,ईश्वर गुप्त रूप से हमारे नजदीक आकर रहता है !


हमें पता भी नहीं चलता है !

अथवा हमें समझने भी नहीं देता है ?


मगर अनेक कर्मदरीद्री लोग उस ईश्वर को भी पीडा ,दुखदर्द देकर

दूर भगाते है !?


सदीयों से  हिंदुओं की भी यही स्थिति है !!?


उन्हें हितकारी कौन और अहितकारी कौन यही समझ में नहीं आता है !!?


तो उन्हें कर्मदरीद्री कहना ही ठीक रहेगा ना ?


आप ही बताईये !


अब यही देखो ना ,

मोदिजी ,अपनी दिनरात की कडी मेहनत से,हर एक देशवासियों को सुखी, समृद्ध, वैभवशाली, आनंदित ,सुसंस्कृत करना चाहते है !


यही वास्तव है ना ?


और उल्टाअनेक देशवासी ??

मोदिजी को ही बारबार रूलाते है !!


वाह रे समाज रचना का अचंभित करनेवाला ,अनाकलनीय गणीत ?


तो फिर, जिन्हें ईश्वरी लीला भी नहीं समझ सकती है तो ?


उन्हें कर्मदरीद्री कहना ही उचित रहेगा ना ?


ऐसे कर्मदरीद्रीयों का कल्याण भी कौन करेगा ? कैसे करेगा ?

और क्यों करेगा ?


आखिर ईश्वर को भी भगाने वाले लोग जो ठहरे ?

विश्वासघातकी !!


हरी ओम्


🤦‍♂️🤫🐍🤔🤔

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