संपूर्ण जीत के लिए

 अनेक सालों तक....

✍️ २३००


विनोदकुमार महाजन

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अनेक सालों तक,

खुद ईश्वर मेरे सत्य की,

कठोर अग्नीपरीक्षाएं तथा सत्वपरीक्षाएं ले रहा था !


मैं आगे भाग रहा था !

और अनेक सालों तक प्रत्यक्ष काल मुझे निगलने के लिए मेरे पिछे भाग रहा था !


मगर आज मैंने प्रत्यक्ष भयावह काल पर भी विजय प्राप्त कर दी !

क्योंकी मेरे पास था मेरे सद्गुरू आण्णा ने दिया हुवा , अद्भुत गुरूमंत्र का दिव्यामृत !

तो मैं क्यों और कैसे हारूंगा ?

मैं तो केवल और केवल जितुंगा ही !


अती भयावह समाज मुझे नेस्तनाबूद करने के लिए, मुझे बरबाद, बदनाम करने के लिए मेरे पिछे,दिनरात भाग रहा था !

मगर आज वह समाज भी हार गया !

मैं जीत गया !


अनेक सालों का अती भयानक अपयश का जहर भी मुझे बारबार परेशान कर रहा था !

मगर आज अपयश भी हार गया !


अनेक सालों तक मृत्यु तक ले जाने वाली भयंकर बिमारियां भी परेशान कर रही थी !

मगर आज बिमारीया भी हार गई !

मैं जीत गया !


अनेक स्वकियों ने भी मेरे खिलाफ चारों तरफ से हल्ला बोल कर दिया !

फिर भी मैं आज जीत ही गया !


भयंकर खडतर जीवन समाप्त होकर , मैं मेरे सद्गुरु कृपा से ,मेरे भव्यदिव्य मंजिल की तरफ आखिर पहुंच ही गया !


चारों तरफ से आग लगी हुई थी !

विनाशकारी आग !

सबकुछ अतीभयावह था !

आज सबकुछ शांत हो गया !

अतीभयावह जहर का सागर भी आज हार गया !


काल हार गया !

मैं जीत गया !


कलीयुग के भयंकर कली का जहर भी आज हार गया !

स्वर्गीय अमृत आज जीत गया !


" विश्व - स्वधर्म - सुर्ये - पाहो ! "

के वैश्विक ईश्वरी कार्य का मेरा रास्ता अब आसान हो गया !


जो चाहिए था ,वह सबकुछ आखिर मील ही गया !


जब हौसले बुलंद होते है तो ?

कौन हमें रोक सकता है ?

परम दयालु और कृपालु सद्गुरु कृपा से ,प्रत्यक्ष ईश्वर भी सहायभूत होता है !!


साथियों ,

समय कितना भी भयावह क्यों न हो ? हमें भी जीत के पक्के इरादे लेकर समय से भी भयावह बनना पडेगा ! समय से भी आगे निकलना पडेगा !

कर्तव्यकठोर बनकर ,कर्तव्यपथपर निकलना पडेगा !


अब एक ही लक्ष....

हिंदुराष्ट्र निर्माण !

अखंड भारत !

विश्वगुरु भारत !


हर हर महादेव !

जय श्रीराम !

हरी ओम्


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