ध्येयसिद्धि

 "महान कार्य के लिए लंबे समय तक महान और निरंतर, अथक प्रयास की आवश्यकता होती है।  


हजार बार ठोकरें खाने के बाद भी सर्वोच्च सिध्दांत तथा ध्येयवाद न छोडकर मंजिल की ओर निरंतर, नितदिन, हरपल बढते ही रहना चाहिए। "


हरी ओम्

विनोदकुमार महाजन

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