सोशल मीडिया और समाज जागृती अभियान

 *सोशल मिडिया ने मुझे बहुत कुछ दिया...* 


हमारे देश में अनेक हिंदुवादी संगठन बन रहे है,जिन्हे एक करना समय की जरूरत है।

और सोशल मिडिया यह कार्य जरूर पूरा कर सखता है।


क्योंकी प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक्स मिडिया को कुछ अपवादात्मक माध्यम छोडकर हिंदुत्व के प्रती उदासीन है,अथवा हिंदूविरोधी है।


मगर सोशल मीडिया धर्म जागृती कार्य जबरदस्त तरीकों से कर रहा है।


आज बहुसंख्या में हिंदु समाज के अनेक व्यक्ति भयंकर दुखदर्द झेलकर भी सोशल मिडिया द्वारा धर्म जागृती अभियान तेजीसे चला रहे है।


कोई रामजी की तरह चौदा सालों का बनवास भुगत रहा है,

और रावण वध और रामराज्य के लिए समय का इंतजार कर रहा है।


तो कोई भयंकर आर्थिक अथवा अन्य मुसीबतों में भयंकर लटका हुवा है।

हिंदुस्तान के अनेक नौजवान देश के लिए सर्वस्व गंवाने को तैयार है।

मगर उनको मौका नही मिल रहा है,अथवा प्रारब्ध गती के अनुसार भयंकर दुख,दर्द झेल रहे है।

फिर भी राष्ट्र प्रेम के लिए सबकुछ समर्पण करने के लिए,

समय का इंतजार कर रहे है।


जरूरत है उनतक पहुंचकर उन्हे सक्रिय करने की अथवा आधार देने की।


और यह कार्य सोशल मीडिया से ही हो सकेगा।


सोशल मिडिया अब एक जबरदस्तक्तिशाली माध्यम बन गया है,जिसे प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक्स मिडिया तथा भयंकर पापी भी डर रहे है।


उनके कुकर्मों का भंडाफोड़ करने के लिए सामान्य आदमी को,जिसकी कोई सुनता नही था,

विशेषता काँग्रेस राज में,उन्हें भी बोलने - लिखने का मौका मिल रहा है।और इसी वजह से 

रणनीति बनाने के लिए, धरातल से सहायक हो रहा है।


सोशल मिडिया में तो वादविवाद चलता ही है।मगर वह वादविवाद समाज जोडने के लिए ही चाहिए, समाज तोडऩे के लिए नही।


समाज जागृती अभियान में बढचढकर हिस्सा लें

सामाजिक मनभेद, मतभेद, बुध्दीभेद,वाद - विवाद

इसे बढकर यह भी संभव होना जरूर है की,

उनसे,

विशेषता समाज के दुर्लक्षित व्यक्तीयों से भी प्रत्यक्ष संवाद हो,और उनके दुखदर्द में हम हिस्सेदार बनें।

देशविदेश के अनेक मान्यवरों का संपर्क, परिचय और कार्य को गती सोशल मिडिया ही देता है।


 *मुझे सोशल मिडिया ने क्या दिया*


१) आप जैसे अनेक मान्यवर मित्र मिल गये।

२) प्रधानमंत्री मोदिजी, रामदेव बाबा,देशविदेश के अनेक मान्यवर, मंत्री, विधायक, सांसद,इनके व्हाट्सएप, फेसबुक ग्रुपपर मुझे स्थान मिला।

३) मेरे अनेक समाज जागृती लेख देशविदेशों में,अनेक मान्यवरों में लोकप्रिय होने लगे।

४) मेरे लेख पढकर अनेक मान्यवर मुझसे संपर्क करके,मुझसे मित्रता करने लगे।

५) प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक्स वालों से भी रिश्ते बढे।

६) समाज में मानसंन्मान,इज्जत,प्रतिष्ठा मिल गई।

७) अनेक व्यक्ति मेरे लेखों के विचारों से सहमत होने लगे और सहयोग के लिए तैयार हो गये।

८) देशविदेशों में हिंदुत्व का अलख जमीनी तौर पर जगाने का मौका मिला।

९) अनेक सामाजिक, आध्यात्मिक संगठनों में सदैव उच्च स्थान मिलता रहा।


इसीलिए सत्य की लडाई लडने के लिए सोशल मीडिया एक जबरदस्त शक्तिशाली हथियार है साथीयों।

आप सभी भी इसमें जरूर कुछ न कुछ बोलते रहो।लिखते रहो।


आप सभी को भी जरूर नई पहचान, नये मित्र, आत्मविश्वास जरूर मिलेगा ही।


हरी ओम्

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 *विनोदकुमार महाजन*

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