सद्गुरु चरण

 *दुखों से मुक्ति के लिए* 

 *सद्गुरु चरण चाहिए !!!* 


प्रारब्ध गती के अनुसार

सभी जीव अपना जीवन

जी रहे है !

हर मनुष्य प्राणी भी प्रारब्ध गती

के अनुसार अनेक बार

बुरी तरह से दुखों के

चक्रव्युह में फँस ही जाता है...

और इस भयंकर दुखदायी

चक्रव्यूह से बाहर निकलने

के लिए दिनरात कोशिश तो

करता ही रहता है !

यह चक्रव्युह बडा ही क्लेशदायी

तथा दुखदायी होता है !


मन की अनंत पिडा !

और यह मन कि पिडा भी बताएं तो किसे बताएं...?


इस भयंकर चक्रव्युह से

बाहर निकलकर एक आनंददायक जीवन जीने के लिए...

बस्स्....एक ही रास्ता बचता है !


सद्गुरु के चरणों में संपूर्ण समर्पण भाव....!!!


इस जनम के ही नहीं तो...

अनेक जनम के हितचिंतक,

शुभचिंतक, कल्याणकारी

केवल और केवल सद्गुरु ही होते है !


सद्गुरु चरणों में ही सभी सुखों का भंडार है...!

सद्गुरु चरणों में ही ईश्वर प्राप्ति का आनंद है...!

सद्गुरु चरणों में ही मोक्ष भी है...!

सद्गुरु चरणों में ही साक्षात स्वर्ग भी है...!


क्या आप भी सद्गुरु चरणों पर... 

सबकुछ समर्पित करके

एक सर्वोत्तम आनंदी जीवन जीने के लिए तैयार है....?


और इसीसे ही आप दुखों के चक्रव्युह से बाहर निकल भी सकते है !


नही तो...???

किडेमकौडे भी पैदा होते है

और मर जाते है...

निरर्थक जीवन....!!!


इसीलिए साथियों,

सद्गुरु चरणों पर सबकुछ समर्पण करने से ही

आप दुखों के चक्रव्युह से मुक्त होंगे...!


 *सद्गुरु आण्णा की जय !!!* 


 *हरी ओम्* 


 *विनोदकुमार महाजन*

Comments

Popular posts from this blog

मोदिजी को पत्र ( ४० )

हिंदुराष्ट्र

साप आणी माणूस