भगवान की लीला

 दुर्योधन...

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दुर्योधन, रावण,कंस,

हिरण्यकशिपु, जरासंध,

जैसे न जाने कितने अनेक दुष्ट, दुरात्मे,पाप का आतंक

फैलानेवाले,

आजतक धरती पर

आ गये।

ईश्वर को ही ललकारते 

रहे,

भगवान भी इन्हीं पापात्माओं के पाप के घडे भरने का,

मौन-शांत-निश्चल होकर,

हँसते हुए,

इंतजार करते रहे।

और योग्य समय आते ही,अनेक पापीयों का

धरती से सफाया

करते गए।


यही तो सच्चाई है।


अब भी...

वर्तमान में...

भगवान कब आयेंगे

उन्मादी,उन्मत्त,

और पापीयों के 

पाप का सफाया करके

फिरसे स्वर्ग को कब

लौट जायेंगे,

इसका कोई अंदाजा

नही लगा सकते।


प्रभु की लिला

अपरंपार, अगाध, अतर्क्य।


।।श्रीकृष्ण:शरणंमम्।।


हरी ओम।

---------------------------------  विनोदकुमार महाजन।

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