आग्नेयास्त्र

 आग्नेयास्त्र की जरूरत

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पाप का भयंकर आतंक,

पृथ्वी पर पाप का अती भार,

वह भी ईश्वर निर्मित चौ-यांशी लक्ष योनियों में से सिर्फ और सिर्फ मनुष्यों द्वारा,

मनुष्यों के राक्षसी गुणों द्वारा,

अती भयंकर स्वार्थ द्वारा,

संपूर्ण पृथ्वी पर हाहाकार फैला हुवा है,अधर्म फैला हुवा है।

और जबतक संपूर्ण पृथ्वी से पापों का नाश नही होता,तब तक धर्म की जीत,सत्य की जीत नही हो सकती।

उन्मत्त कली का उन्माद, वायुगती से विश्व के कोने कोने में फैल रहा है।

और इसिलए पृथ्वी को आज,

ना ब्रम्हास्त्र

 की जरूरत है,ना ही पाशुपत अस्त्र की।

अब केवल आग्नेयास्त्र ही काम आयेगा।

तभी भयंकर उन्मादी पाप का आतंक संपूर्ण पृथ्वी से समाप्त हो जायेगा ?

समय, ईश्वरीइच्छा भविष्य के लिए,

क्या योजनाएं बना रहा है,ईश्वर ही जाने।


हरी ओम।

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--  विनोदकुमार महाजन।

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