शाबास पठ्ठे

 शाबास रे धर्म द्रोही हिंदुओं


औरंगजेब से प्यार करनेवालों को सरपर लेकर नाचते हो


और कट्टर सनातनी हिंदुओं से

नफरत करते हो


शाबास रे पठ्ठे बाघों

देश बरबाद करते रहो

धर्म द्रोहिंयों पर प्रेम करते रहो

राष्ट्र प्रेमीयों को अपमानित करते रहो


धन्य है तुम्हारे माता पिता की


मिरची लगी ना पढकर ?

सुधरो,

अभी भी समय है


विनोदकुमार महाजन

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