कडक बात

 बात कडवी है,मगर सत्य है...


गहराई से देखो और सोचो भी

कडवे राष्ट्र द्रोहीयों का एक भी राष्ट्रद्रोही विरोध नही करता...


मगर कडवे राष्ट्र प्रेमीयों का विरोध करनेवाले, अनेक हिंदुही मिलेंगे...


ऐसा क्यों ?


जब राष्ट्रद्रोही दंगाई होता है तो

साधारणतः एक भी पाकिस्तान प्रेमी

दंगाईयों का विरोध नही करता है

बल्की मूकसमर्थक बनता है...


और अगर गलती से भी कोई राष्ट्रप्रेमी पर

दंगाई बनने का झूटा आरोप भी होता है तो...

अनेक हिंदु ही उस राष्ट्रप्रेमी को नेस्तनाबूत करनेपर तूले होते है


ऐसा क्यों ?


राष्ट्रद्रोहीयों पर मोर्चा निकलनेवाले कभी पाकिस्तान प्रेमी देखे है क्या...?


मगर राष्ट्रप्रेमीयों के खिलाफ

मोर्चा, धरणा आंदोलन करनेवाले बहुत मिलेंगे...


आखिर ऐसा क्यों ?


बात कडवी है,और सत्य भी है


विनोदकुमार महाजन

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