जीवन का सफर
जीवन का सफर !
जिनके लिए जान
हथेली पर लेकर चला
उन्होंने ही धोके दिए
तो क्या करें ?
जिनके सुखों के लिए
ह्रदय निकालकर दिया
उन्होंने ने ही पीठ में
खंजर धोंप दिया
तो दोष किसका ?
इसी का नाम है जिंदगी
इसी का नाम है जीवन
जीवन का सफर
चलता जा प्यारे,चलता जा
बिना थके,बिना हारे
खुद के लिए ना सही
ईश्वर के लिए
ईश्वरी सिध्दांतों के लिए
आगे आगे बढता जा प्यारे
मंजील मिलने की
मंजील की ओर बढने की
चिंता छोडकर
एकेक कदम बढता जा
जीवन का सफर
पूरा करने के लिए
आगे आगे चलता जा
आगे आगे चलता जा
विनोदकुमार महाजन
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