धरातल पर रहकर

 धरातल पर रहकर !

✍️ २२२१


विनोदकुमार महाजन


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हवा में उडेंगे तो

निश्चित रूप से

एक दिन जमीन 

पर गिरेंगे !

इसिलिए धरातल पर

रहकर ही काम

करना पडेगा !


आँखों पर धूंद चढेगी

तो धूंद उतरते ही

नशा निकल जायेगी !

इसिलिए निश्चल होकर

नजर साँफ रखकर ही

मंजिल की ओर

बढना होगा !


बडप्पन के भ्रम में

रहकर आगे बढेंगे

तो एक दिन पाँव 

फिसलकर गिर पडेंगे !

इसिलिए छोटासा, साधारण,

अहंकारशून्य बनके रहेंगे

तो जल्दी ही मंजिल की

ओर बढकर रहेंगे !


हरी ओम्


🙏🙏🙏

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