सत्य को निगलने नहीं देंगे

 सत्य को निगलने नहीं देंगे !!

✍️ २२२०


विनोदकुमार महाजन


👍👍👍👍👍


अगर कोई तुम्हे निगलने के लिए आ रहा है...तो क्या तुम,उसको स्वस्थ, शांत और मौन रहकर निगलने देंगे ?

या उसका विरोध करेंगे ?

ईश्वर ने सभी को जिवीत रहने का अधिकार दिया है !

इसिलिए तुम्हे जो निगलने को आया है,उसका ईश्वरी सिध्दातों के अनुसार, विरोध होना ही चाहिए !

 

और तुम्हे निगलकर कोई, तुम्हारा अस्तित्व ही समाप्त कर रहा है, तो ...?

तुम शांत और मौन रहने के बजाए, जो तुम्हें निगलने के लिए आ रहा है... और तुम्हारे सामने,उसे ही... निगलने के सिवाय, दूसरा पर्याय ही बचा नहीं है...तो ? उसको तुम छोड देंगे ? 

या फिर उसको ही तुम निगल दोगे ?


खुद की आत्मरक्षा करना कोई पाप नहीं है ! और तुम्हे निगलने के लिए आनेवालों को,तुम खुद ही निगल देना,इसमें कोई पाप भी नहीं है, अथवा दोष भी नहीं है !


यही ईश्वरी सिध्दांत है !


।। " अहिंसा परमो धर्म :

       धर्म हींसा तथैवच् " ।।


और अगर मेरे आदर्शों को,मेरे आदर्श ईश्वरी सिध्दांतों को और ईश्वर निर्मित,मेरे सनातन हिंदु संस्कृती को,निगलने के लिए, कोई आ रहा है... तो मैं...हम सभी...? 

क्या चुपचाप, शांत और मौन रहकर, मेरे ईश्वरी धर्म को,ईश्वरी सिध्दांतों को, निगलने देंगे ?


हरगीज नहीं !

उल्टा ऐसा करना भी पाप है !

अपराध सहना भी घोर पाप है !


इसिलिए साथीयों,

मुझे भी,हम सभी को भी,उसे निगलना ही पडेगा !

जो हमें निगलने के लिए आ रहा है !


महाराक्षस अथवा महासैतान ??


केवल तभी और तभी मेरा अस्तित्व सुरक्षित रहेगा !

जब हम उल्टा उसे ही निगल देंगे !


और ईश्वरी सिध्दातों के अनुसार, मेरा यह प्रदत्त ,ईश्वरी अधिकार भी है !


तो आप बोलो ?

सचमुच में मैं इसमें कुछ गलत लिख रहा हुं  ?


अगर कोई हमें,अहिंसा का पाठ पढाकर, हमें षंढ बनाता है,और हमारा अस्तित्व ही,इसके कारण खतरें में आता है तो क्या यह मेरे बर्बादी का तमाशा मेरे आँखों से देखता रहूंगा ?


या प्रतिरोध करता रहुंगा ?

आप बोलो !

बोलना पडेगा !!


हर हर महादेव !!


🙏🙏🙏🙏🙏

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