जागो !
जागो !!
✍️ २२१५
विनोदकुमार महाजन
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सत्य का दम
घूंटता देखकर
हर सत्यप्रेमी
परेशान है !
साधुसंतों को
अंदर जाते देखकर
हर ईश्वर प्रेमी
हैरान है !
क्या सचमुच में
आज लोकतंत्र ही
खतरे में है ?
मगर ऐसी घटनाएं
देखकर
हर हैवान
बडा खुश है !
हैवानियत का राज
लाने के लिए
हर वक्त तैयार है !
जानो,पहचानो,
जागो !!
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