घुसपैठी घुस रहे है ?

 घुसपैठी घुस रहे है ?

तो घुसने दो ना !!

✍️ २१९८


विनोदकुमार महाजन

-------------------------------

सत्य कडवा होता है !

और सत्य असत्यवादीयों को कैसे हजम होगा ?

सत्य बोलने,लिखने से , असत्यवादीयों को बुरा तो लगेगा ही ना ?


अब यही बात देखो ना,

हम हिंदुत्ववादी , चिल्लाचिल्लाकर,सभी देशवासियों को जागृत करने का,विविध माध्यमों द्वारा,दिनरात प्रयास कर रहे है !

परिणामों की चिंता किए बगैर !


और अनेक हिंदुओं की मानसिकता भी तो देखो !

आश्चर्यचकित रह जायेंगे !


देखो 👇👇👇

समस्या ( १ ) 

देश के अनेक भागों में बडी संख्या में, घुसपैठी घुस रहे है !

हमें संपूर्ण रूप से तबाह करने की कोशिश कर रहे है !

उत्तर : - अरे तो घुसने दो ना !

हमें क्या लेना देना ?

हमें तो फ्री का बिजली, पाणी तो मिल ही रहा है ना ?

तो हमें घुसपैठियों से क्या लेनादेना ?

अगर तुम्हें लेनादेना है तो तुम देख लो ! हमें क्या ?

घुसपैठी घुसे या देश बर्बाद करें ?


समस्या ( २ )

देश के अनेक भागों में हिंदुओं पर भयंकर अत्याचार हो रहे है !

उत्तर : - अरे तो होने दो ना !

आखिर हमें बताते ही क्यों हो ?

हमें तो हमारा बिजनेस, धंधा , कारोबार देखना है ! बहुत पैसा कमाना है ! ऐशोआराम से भी जीना है ! कृपया हमें हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के बारें में मत बताईये ! हाथ जोडते है रे बाबा !

अगर हिंदुओं को जगाना है तो तुम जगाओ ! हमारा इससे कुछ लेनादेना है ही नहीं !


समस्या ( ३ ) 

हमारे देश में अनेक देवीदेवताओं को,धर्म ग्रंथों को,हमारी संस्कृति को,हमारे आदर्शों को,हमारे महापुरुषों को बदनाम किया जा रहा है !

उत्तर : - मुर्ख और पागल हो क्या ? आखिर हमें यह बता ही क्यों रहे हो ? हिंदुहितों का और हिंदुत्व जागरण का तुमने ठेका ले रखा है ! हमने तो नहीं ना ?

तो हमें ऐसे मुद्दे बारबार बताते ही क्यों हो ? सचमुच में तुम पागल ही हो क्या ?

तुम सब जाव भाड में !

हमें रोजी - रोटी के लिए चार पैसे तो कमाने दो ?

धर्म  - धर्म की क्या विनावजह की फालतु बकबक बना रखी है ?


समस्या ( ४ ) 

अनेक राष्ट्रद्रोही और राष्ट्रविघातक शक्तियां देश तोडऩे के लिए दिनरात मेहनत कर रही है ! दिनरात प्रयास कर रही है !जाग जाओ,और एकता बढाओ !

उत्तर : - एकता बढाने के लिए बताने वाले और हमें जगानेवाले आखिर तुम हो ही कौन ?

तुम्हें कोई काम धंधा नहीं है क्या ?

हमें भी ठीक से  कामधंधा करने नहीं देते है !

हमेशा चिल्लाते रहते है !

जागो,जागो,जागो !

तुम्हारा धर्म का नशा क्या हमें पैसापाणी थोडे ही देगा ?

जाव बाबा जाव !

हाथ जोडते है !

हमें परेशान मत करों !

हमारा कामधंधा देखने दो !


समस्या ( ५ )

अरे महात्माओं, तेजस्वी ईश्वर पुत्रों, तुम्हारा खुद का अस्तित्व और तुम्हारी संस्कृति ही खतरे में है ! जरा सोचो समझो !

उत्तर : - हमें तेजस्वी ईश्वर पुत्र कहनेवालों,सचमुच में तुम पागल ही हो क्या ?

तेजस्वी ईश्वर पुत्र होते तो ,भिखारी जैसा जीवन क्यों जीते ? मुक्त का राशनपाणी क्यों खाते ?

बडे आये है हमें समझाने !

कहते है - अस्तित्व खतरे में है, संस्कृति खतरे में है !

जब का तब देखा जायेगा ना ?

आखिर हमें करना ही क्या पडेगा ? जादा से जादा भागना ही पडेगा ना ? सारा धन वैभव छोडकर ! 

बडे आये है हमें समझाने ! खुद को ज्ञानी समझने वाले ! चुल्लू भर पाणी में डूब मरों ! हमें तत्वज्ञान सिखाते है !

सदियों से हमारी भागने की आदत पता होनेपर भी हमें ही उल्टा ज्ञान सिखाते है !

कर्मजलों,फिरसे हमें जगाने की कोशिश भी मत करना !

बडे चिल्लाते रहते है...

जोरजोरसे... दिनरात...

हिंदुत्व... हिंदुत्व...

अरे कोई काम धंधा भी है या नहीं बचा ? 

खुद चैन से जिते नही है ! और हमें भी चैन से जीने नहीं देते है !


तो हिंदुत्ववादी सभी साथीयों,

अब,

आप सभी से मेरा एक प्रश्न है..

क्या चेतनाशून्य, तेजोविहीन, अस्तित्वहीन ,मुर्दे समाज को( प्रतिशत नहीं बता सकता ! 🙏 )जगाने का हम सभी का निरंंतर प्रयास कुछ काम आयेगा भी ? या नहीं ?

या हमें भयंकर धर्म संकट हटाने का केवल सपना ही देखना पडेगा ?


आखिर ऐसी भयंकर बिमारी का,विनाशकारी मानसिकता का सचमुच में  

"  रामबाण ! "

इलाज और उत्तर क्या है ?

समाज जागृती अभियान को गती देने के लिए, आखिर इलाज ही क्या है ?

जो समाज मन की मरी हुई चेतना जगा सकें ?


हिंदुराष्ट्र निर्माण, अखंड भारत ,विश्वगुरु भारत और सनातन धर्म का वैश्विक कार्य विस्तार, इसको गती देने का विषय भी ऐसी भयंकर विनाशकारी मानसिकता के सामने कितना प्रभावशाली रहता है ? यह चिंतनीय विषय है !


मेरे हिसाब से और मेरी नजरों से एक ही उत्तर बचता है ! देश का ऐसा भयावह अराजक समाप्त करने का ! ( ??? )

उत्तर जानना चाहते है तो...

अगले लेख का इंतजार करना पडेगा !


दूसरी एक अत्यंत महत्वपूर्ण बात बतानी है,

जाँर्ज सोरेस जैसे महाविनाशकारी अंतरराष्ट्रीय घातक लोग,हमारे बिकाऊ समाज को खरीदकर, आगे की रणनीति बना रहे है ! अगर उन्हें और उनकी योजनाओं को धाराशायी करना है, और अंध:कारमय भविष्य से बचना है, तो सोशल मीडिया पर, दिनरात डटे तो रहना ही पडेगा ! और प्रखर राष्ट्रवाद का तथा प्रखर राष्ट्रवादी व्यक्ति, संगठन, सरकार का पूरजोर समर्थन करना ही पडेगा !

उनकी हिम्मत, हौसले और शक्ति बढाने के लिए प्रयासरत रहना ही पडेगा !


हल्लाबोल !

दिनरात हल्लाबोल !!

देशविघातक शक्तीयों के विरूद्ध सजग होकर,

हल्लाबोल !!!


आगे की ( २४ ) जीत तो पक्की है ही ! मगर फिर भी...

हर एक कदम,फूंक फूंक कर आगे बढाना ही होगा !


जय श्रीराम !

हरी ओम् !


🙏🙏🙏🕉🚩

Comments

Popular posts from this blog

मोदिजी को पत्र ( ४० )

हिंदुराष्ट्र

साप आणी माणूस