दुनिया बनाने वाले...

 प्रश्न अनेक, उत्तर नेक !

✍️ २२१६


विनोदकुमार महाजन


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जिसको ब्रेन ही नही है ,

उसका " ब्रेनवॉश " कैसे होगा ?

जिसको ह्रदय ही नहीं है ,

उसका " ह्रदयपरिवर्तन " कैसे होगा ?

जिसका मत ही नही है ,

उसका " मतपरिवर्तन " कैसे होगा ?

जिसको मन ही नही है ,

उसका " मन " भी साफ कैसे करना होगा ?

जीवन में कुछ ध्येय ही नहीं है तो ,

वह " ध्येयवादी " कैसे बनेगा ?

जिसका जीवन में कोई सपना ही नहीं है वह ,

" दृष्टा " कैसे बनेगा ?

मनुष्य होकर भी मनुष्यों जैसा आचरण नही है तो ,

उसका " ईश्वर स्वरूप " कैसे होगा ?

जो मानवता मानता ही नहीं है,

वह " इंन्सानियत " कैसे समझेगा ?

जिसके ह्रदय में प्रेम ही नहीं है,

वह " प्रेम की भाषा " कैसे समझेगा ?


प्रश्न तो अनेक है,

जिसका एक ही " नेक " 

उत्तर कौन देगा ?


" मानव तेरे अनेक रंग, अनेक रूप ??? "


धन्य है वह ईश्वर ,

जिसनें मानवप्राणी सहित 

" अनेक रंगों " की 

दुनिया बनाई !


" दुनिया बनाने वाले , तुने काहे को दुनिया बनाई ? "


हरी ओम्


🙏🙏🙏

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