लेना और देना
देने की वृत्ति ईश्वरी सिध्दांतों पर
आधारित होती है।
चाहे वह निष्पाप प्रेम हो,धन हो
या समर्पण हो।
और लेने की वृत्ति लालच पैदा करती है।
जिससे द्वारा अनेक विकार उत्पन्न होते है।
दोस्ती करते समय भी सबसे पहले यह परख लेना चाहिए
की यह देनेवाला है या लेनेवाला।
विनोदकुमार महाजन
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