सामाजिक अध:पतन
एक होटल में खाना खा रहा था
होटल के सामने एक भिखारी खडा था
मैंने होटलवाले को खाने के पैसे देकर
उस भिखारी को खाना दिया
और यह दृष्य देखकर
कुछ लोग मुझे हँस रहे थे
सचमुच में इतना सामाजिक
अध:पतन हो गया भाईयों ?
विनोदकुमार महाजन
एक होटल में खाना खा रहा था
होटल के सामने एक भिखारी खडा था
मैंने होटलवाले को खाने के पैसे देकर
उस भिखारी को खाना दिया
और यह दृष्य देखकर
कुछ लोग मुझे हँस रहे थे
सचमुच में इतना सामाजिक
अध:पतन हो गया भाईयों ?
विनोदकुमार महाजन
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