आत्मा और अंतरात्मा की आवाज

 अगर तवायफ ही पतीव्रता पर

आरोप करें ?

तो आपको कैसा लगेगा ?

इतना ही नही तो

कुछ उन्मादी सामाजिक तत्त्व

तवायफ को सही और

पतीव्रता को गलत कहेगा ?

तो आपको कैसा लगेगा ?


सोचो भाईयों,

ठीक इसी प्रकार से

इस मिट्टी में रहकर, यहाँ का

खाकर,

शपथपत्र पर राम को

काल्पनिक पात्र कहेगा ?

तो आपको कैसा लगेगा ?


इतना ही नही तो कुछ

बेईमान, नमकहराम, जयचंद भी

राम को काल्पनिक कहनेवालों का साथ देंगे ?

तो आपको कैसा लगेगा ?


सत्ता और संपत्ती के लिए

हमारे ही गद्दार

इतना गीर सकते है

और, " गिरपडे " ,को

बल और शक्ती देते है

तो आपको कैसा लगेगा ?


उत्तर तो देना ही होगा साथीयों

ठंडे दिमाग से, बहुत सोच समझकर इसका उत्तर देना

साथीयों।


मामला भयंकर ही नही तो

भयानक गंभीर है


कितने दिनों तक चंद 

लालच में आकर

कुछ लोग केवल इमान ही नही

तो आत्मा की और

अंतरात्मा की आवाज भी 

बेचते रहेंगे ???


विनोदकुमार महाजन

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