प्रारब्ध
आज मैंने कठोर तप:श्चर्या द्वारा
मृत्यु, काल और प्रारब्ध पर
विजय हासिल की है।
नामुमकिन को भी मैंने
मुमकिन में बदल दिया है।
जब सद्गुरु कृपा होती है तो
ईश्वर भी प्रसन्न होकर आशिर्वाद
देता है और प्रारब्ध भी बदल देता है।
हरी ओम्
विनोदकुमार महाजन
दि : - १/११/२०२०
Comments
Post a Comment