वास्तव

 सत्ता,संपत्ती के लिए

कोई जयचंद भाजपा का

विरोध करे यह बात ठीक है


मगर निस्वार्थ भाव से

देशसेवा, समाज सेवा

करनेवाले आर.एस.एस. 

का विरोध अगर कोई

हिंदुही करें तो...???


सचमुच में ऐसा विकृत व्यक्ति

हिंदु कहने के लायक

हो सकता है...???


विनोदकुमार महाजन

Comments

Popular posts from this blog

ऊँ कालभैरवाय नम :

मोदिजी को पत्र ( ४० )

हिंदुराष्ट्र