हितों के लिए

 हिंदु हित और हिंदु


ना की मैं पाकिस्तान में रहता हुं।

ना ही पाकिस्तान प्रेमी बहुल इलाके में।

हिंदुबहुल इलाके में रहता हुं।


हिंदुत्व, हिंदुहितों के बारें में बोलता हुं,लिखता हुं।


और दुर्देव से....

सहायता करना तो दूर....

हिंदु ही,स्वकीय ही,

पिडा,नरकयातना, आत्मल्केश देते है।


इतिहास भी यही कहता है।

राजे शिवाजी, संत ज्ञानेश्वर, संत तुकाराम, सावरकर, सुभाष बाबु जैसे अनेक महापुरूषों को,सिध्दपुरूषों को,अवतारी पुरूषों को,


रूलाने वाले,पिडा - आत्मल्केश, यातनाएं,

देनेवाले भी हिंदुही थे।

स्वकीय ही थे।


इसी वजह से,ऐसे कारणों से,

भयंकर धर्म हानी हुई है।


और हमारा समाज.....

आज भी ठीक इसी मानसिकता में जी रहा है।


इसिका हल क्या है भाईयों ?

सच है मगर कडवा है।

हजम तो करना ही पडेगा।


हरी ओम्


विनोदकुमार महाजन

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